सरकार दे रही गाय खरीदने पर 33000 की सब्सिडी और फर्श के सीमेंटीकरण के लिए 8000 रूपए

सरकार दे रही गाय खरीदने पर 33000 की सब्सिडी और फर्श के सीमेंटीकरण के लिए 8000 रूपए, सरकार की तरफ से आजकल कई सारी योजनाए चलाई जा रही है। वही एक और केंद्र सरकार की और से क‍िसानों को कई तरह से आर्थ‍िक रूप से मजबूती देने के लिए और इनकी कमाई बढ़ाने के ल‍िए बहुत सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। वही दूसरी और कई सारे राज्‍यों में सरकारें भी इस प्रकार की योजनाएं चलाती नजर आ रही हैं।

वही हिमाचल प्रदेश में क‍िसानों के लिए एक बहुत बड़ी घोषणा की गई है। आपको इस बात की खबर है की ह‍िमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती करने वाले कई किसानों को गाय खरीदने पर 33,000 हजार रुपये की सब्‍स‍िडी दी जा रही है। जिसके सिवा गौशाला के फर्श को पक्का करवाने के लिए लगभग 8,000 हजार रुपये की सब्सिडी भी दी जाएगी।

यह भी पढ़े: केवल एक फल जो रखेगा आपको कई बीमारियों से कोसों दूर, जाने इसके अनेकों फायदे

टोटल 41000 रुपये का मुनाफा

जानकारी के मुताबिक, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी की सहायक तकनीकी प्रबंधक नेहा भारद्वाज द्वारा मंझिआर गांव में एक प्रोग्राम के तहत बताया गया है कि, इस राज्य में जो भी किसान प्राकृतिक खेती करेंगे उनको स्थानीय गाय खरीदने पर लगभग 33,000 हजार रुपये की सब्‍स‍िडी प्रदान की जाएगी। जिसके साथ ही गौशाला के फर्श को पक्का करने के लिए इनको लगभग 8,000 हजार रुपये की सब्सिडी भी देंगी।

आखिर क्या है यह प्राकृत‍िक खेती?

क्या आप जानते है की आखिर यह प्राकृतिक खेती है क्या? आपको बता दे कि मंझियार में इस प्राकृतिक खेती को लेकर लोगो को सचेत करने और जन संवेदीकरण शिविर का आयोजन कराया गया था, यहां पर भारद्वाज ने बताया कि प्राकृतिक खेती में इस रासायनिक उर्वरकों और नशीले कीटनाशक का उपयोग बिल्कुल भी नहीं करना होता है। इन्होने यह भी बताया कि इस प्राकृतिक खेती से होने वाले उत्पादित होने वाली यह सब फसलें स्वास्थ्य के लिए बहुत सुरक्षित पाई जाती हैं और इस खेती में लागत भी बहुत कम होती है। इसकी खेती को अपना करके आप किसान अपनी कमाई को बढ़ा पाते हैं और पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

यह भी पढ़े: गाय को कराए इस चीज का सेवन दूध देने की क्षमता में होगी वृद्धि, बाल्टियां भर-भर के देगी दूध

इन्होने बताया है कि इस देशी गाय के गोबर और मूत्र से ही प्राकृतिक खेती के खास घटक जैसे कि जीवामृत, बीजामृत, धनजीवामृत और देशी कीटनाशक घर में ही तैयार कर सकते हैं। जिन्होंने स्थानीय नस्लों की गायों जैसे कि साहीवाल, रेड सिंधी, राठी, थार व पार्कर के विषय में भी खबर दी और राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के विषय में भी जानकारी दी गई है। इस शिविर में भी किसानों को मटर के बीज बांटे गए।