सरसों की फसल में इस समय कीटों का खतरा है, जिससे फसल मुरझा कर कमजोर हो सकती है, चलिए इन कीटों के नाम और बचाव जानते है-
सरसों में कीटों का खतरा
सरसों की खेती में किसानों को मुनाफा है। सरसों एक तिलहन फसल है। सरसों के बीजों की बिक्री के साथ किसान इससे तेल निकालते है। जिसके लिए सरसों की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। लेकिन इस समय कीटों की समस्या फसल में आ रही है। जिसमें माहो और चितकबरा कीट लग रहे है। यह पत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं। जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है।
चितकबरा कीट से होने वाले नुकसान
सरसों की फसल में चितकबरा कीट लगने से फसल को भारी नुकसान होता है। यह पत्तियों के कोमल हिस्सों का रस चूस लेते है, इससे पत्तियां मुरझा जाती हैं, जिससे सिकुड़ जाती हैं, और फिर इसका प्रभाव पौधे के विकास पर पड़ता है। जिससे पौधो का विकास रुक जाता है और कमजोर फसल होने लगती है। जिससे बचने के लिए किसानों को समय पर उपाय करना पड़ेगा।
माहो कीट से होने वाले नुकसान
सरसों की फसल में अगर माहो कीट लग जाते है तो इससे भी फसल खराब होती है। इसमें होता क्या है कि माहो कीड़े पत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ पौधे के नाजुक हिस्सों पर अटैक करते है। जिससे फसल में पोषण की कमी होती है और पैदावार कम होती है। जिससे किसानों को कम सरसों मिलेगी। चलिए जानते है किसान इनसे अपनी फसल को कैसे बचाएं।
समाधान
सरसों की फसल में इस तरह की समस्या आये तो किसान को समय पर उपाय करना चाहिए। नहीं तो ये कीट पूरी फसल को चपेट में ले लेंगे। जिसमें थायोमेथोक्सम 25 डब्लूजी कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकते है। इससे माहो और लीफ माइनर जैसे कीटों की समस्या दूर होगी। किसान अन्य किसी कीटनाशक का भी इस्तेमाल कर सकते है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।