सरसों की ये किस्म बंपर पैदावार से देगी तगड़ा मुनाफा, कम लागत और समय में होंगे अमीर, जाने सरसों की 28 क्विंटल उत्पादन देने वाली किस्म के बारें में।
सरसों की खेती में किसान को फायदा
सरसों की खेती देश के ज्यादातार किसान आज भी कर रहे है। सरसों के तेल की अच्छी कीमत उन्हें मिलती है। सरसों की खेती में किसानों को समय में और लागत में बढ़िया मुनाफा मिल जाता है। इसी लिए आज हम सरसों की एक बढ़िया किस्म की जानकारी लेंगे। जिससे किसान तगड़ी कमाई कर सके। जैसा की आप जानते है इस महीने अक्टूबर में सरसों की बुवाई किसान करेंगे। सरसों की बुवाई के लिए 15 से 25 सेल्सियस के बीच का तापमान बढ़िया है। तब चलिए सरसों की एक उन्नत किस्म का नाम और उसकी विशेषताएं जानते है।
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सरसों की उन्नत किस्म
सरसों की कई वैरायटी बाजार में आ गई है। लेकिन आज हम बात कर रहे है पूसा-32 की, जिसका विकसित भारतीय कृषि अनुसंधान नई दिल्ली द्वारा किया गया है। इससे किसान भाइयों को बढ़िया उत्पादन मिलता है। चलिए नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार इस किस्म के बारें में जानिये।
- पूसा सरसों-32 की खेती में किसानों 132 से 145 दिनों का समय लगेगा। इतने दिनों की यह फसल है।
- पूसा सरसों-32 के पौधे के तने की लंबाई लगभग 73 सेंटीमीटर है।
- इसके फली का घनत्व शानदार है।
- पूसा सरसों-32 से मिलने वाली उपज की बात करें तो 27 से 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
- इसकी खेती पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ जम्मू कश्मीर और मैदानी क्षेत्रों के किसान कर सकते है।
- इसकी बुवाई के लिए बढ़िया समय 15 अक्टूबर तक है। इतने में बोयेंगे तो सही रहेगा।
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