फल-सब्जियां जल्दी नहीं होंगी खराब, लंबे समय तक रहेंगी फ्रेश, चलिए आपको बताते हैं वैज्ञानिक के द्वारा किया गया नया अविष्कार-
फल-सब्जियां सड़ने की समस्या
फल और सब्जी की खेती करने वाले किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती आती है कि उत्पाद को लंबे समय तक फ्रेश कैसे रखें। फल, सब्जी जल्दी खराब होने की वजह से किसान को आर्थिक नुकसान हो जाता है। बाजार में अच्छी कीमत नहीं मिलती या मांग कम हो जाती है तो बिक्री न होने के कारण फल, सब्जी सड़ जाते हैं। लेकिन अगर किसान यह फल, सब्जी लंबे समय तक स्टोर कर सके तो उन्हें इसमें मुनाफा हो सकता है। अच्छी कीमत मिलने पर बाजार में बिक्री कर सकते हैं।
इसीलिए दिल्ली और कानपुर आईआईटी चालीस गांव विकास परिषद की तरफ से एक कोठी बनाई गई है। जिसमें लंबे समय तक फल और सब्जी को रखा जा सकता है, और वह बिल्कुल फ्रेश रहेगा। चलिए आपको इस कोठी के बारे में बताते हैं।

फल-सब्जियां फ्रेश रखने वाली ‘सब्जी कोठी’
किसान फल और सब्जी लंबे समय तक सब्जी कोठी में रख सकते हैं। इसका तापमान ऐसा होता है जैसे कि फल या सब्जी को आवश्यकता होती है। जिसकी वजह से वह जल्दी खराब नहीं होता। जबकि बाहर का तापमान उन्हें जल्दी सड़ने पर मजबूर कर देता है। इस सब्जी कोठी में किसान लगभग 21 दिन तक फल और सब्जी को ताजा बनाए रख सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं इस चालीस गांव परिषद के द्वारा किसानों के अन्य क्या-क्या मदद की जा रही है।

चालीस गांव परिषद
यह चालीस गांव प्रतिशत परिषद किसानों के लिए कई तरह के काम करता है जैसे किसान नई तकनीक से खेती के काम को आसान कर सके और अपनी आमदनी में वृद्धि कर सके। चालीस गांव परिषद में दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड रमेश चंद्र, देव प्रकाश गोयल, श्रीधर के साथ-साथ साधना जी काम करती हैं। यहां पर किसानों को हाईटेक बनाने का प्रयास किया जाता है। इस परिषद के अध्यक्ष देव प्रकाश गोयल है।
जो बताते हैं कि यहां पर किसानो को कई तरह की मदद मिलती है। वह मिट्टी की जांच कर सकते हैं। ऑर्गेनिक खाद बनाने के लिए प्रशिक्षण ले सकते हैं। तथा अपने फसल के बारे में जानकारी ले सकते हैं। खेती और पशुपालन से अधिक कमाई करने के लिए यहां पर जरिया बताया जाता है। जैसे की सब्जियों से गुलाल बनाने, जैविक खाद बनाने, गोबर से दिया बनाने आदि की जानकारी दी जाती है। यहां पर ऐसी मशीन है जिससे सब्जी से गुलाल बनाया जा सकता है। कचरे से भी कमाई की जा सकती है। इस तरह इस परिषद से जुड़कर किसान अपनी जिंदगी बदल सकते हैं।