Rajma ki kheti: राजमा की खेती से अंधाधुंध उत्पादन मिलेगा, अगस्त में करें यह काम, जानिए राजमा की खेती से होने वाली कमाई

On: Thursday, August 14, 2025 5:58 PM
राजमा की प्रसिद्ध किस्में

राजमा की खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। तो चलिए, बताते हैं राजमा की खेती के बारे में पूरी जानकारी।

राजमा की खेती

राजमा कई लोगों का पसंदीदा और लोकप्रिय भोजन है। इसकी डिमांड अपने देश के साथ-साथ विदेश में भी है। पूरे साल राजमा की मांग रहती है। राजमा का सेवन चावल के साथ कई लोग करते हैं। राजमा की खेती किसानों के लिए एक अच्छा, लाभकारी व्यवसाय है।

राजमा की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी होती है। जलवायु की बात करें तो शीतोष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में इसकी खेती की जाती है। राजमा की खेती के लिए किसानों को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिन पर हम यहां विस्तार से चर्चा करेंगे।

राजमा का पौधा कैसा होता है

राजमा के पौधे को किडनी बीन का पौधा भी कहते हैं। यह फलीदार पौधा होता है, जो बेल या झाड़ी के रूप में बढ़ता है। राजमा के फूलों का रंग सफेद और गुलाबी होता है, और पत्तियां हरी होती हैं। इसकी पत्तियां तीन पत्तियों के समूह के रूप में दिखाई देती हैं।

राजमा की खेती कब होती है

राजमा की खेती सही समय पर करेंगे, तभी अच्छा उत्पादन मिलेगा। राजमा की खेती साल में दो बार तो आराम से कर सकते है। जिसमें राजमा की बुवाई का समय फरवरी से मार्च और मई से जून के बीच बताया जाता है। पहाड़ी क्षेत्र के किसान खरीफ सीजन में राजमा की खेती करते हैं।

राजमा की प्रसिद्ध किस्में

राजमा की खेती के लिए किसानों को बढ़िया किस्म का चुनाव करना चाहिए, जो अधिक उत्पादन दे सके। साथ ही अपने क्षेत्र की जलवायु, मिट्टी और डिमांड के अनुसार किस्म का चयन करना चाहिए। किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी होनी चाहिए।

राजमा की प्रसिद्ध किस्में हैं — लाल राजमा, जम्मू राजमा, पिंटू बीस, चित्रा राजमा आदि।

राजमा की सिंचाई

अच्छी फसल लेने के लिए किसानों को समय पर सिंचाई करनी पड़ती है, वरना उल्टा असर देखने को मिल सकता है। राजमा की खेती में पहली सिंचाई बुवाई के 20 दिन बाद की जाती है। इसके बाद, जब पौधे में तीन पत्तियां आ जाएं, तो 20 दिन के अंतराल पर 4–5 सिंचाई की जा सकती हैं। जिससे फसल का विकास अच्छे से होगा।

राजमा की खेती कहां होती है

राजमा की खेती कई राज्यों में की जाती है, जैसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पूर्वोत्तर राज्य, जम्मू-कश्मीर आदि। मुख्य रूप से उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में किसान इसे लगाकर अच्छी आमदनी लेते हैं।

लाल राजमा की खेती

किसान भाई, अगर लाल राजमा लगाना चाहते हैं, तो इसके लिए रबी और खरीफ, दोनों सीजन अच्छे होते हैं। जलवायु की बात करें तो उपोष्ण और शीतोष्ण क्षेत्र इसके लिए अच्छे होते हैं। बलुई दोमट मिट्टी में लाल राजमा की खेती की जा सकती है। बीजों को 4–5 इंच की दूरी पर और दो लाइनों के बीच 1 फीट की दूरी रखकर बोना चाहिए।

राजमा का बीज कहां मिलेगा

राजमा की खेती के लिए बीजों की जरूरत हो, तो कई कंपनियां बढ़िया क्वालिटी के बीज देती हैं। किसान एग्रो कंपनी से बीज मंगा सकते हैं। इसके अलावा अमेज़ॉन और इंडियामार्ट जैसी ऑनलाइन वेबसाइट पर भी राजमा के बीज उपलब्ध हैं। किसानों को रिव्यू देखकर ही ऑनलाइन बीज मंगाना चाहिए।

राजमा का उत्पादन

अगर राजमा की खेती सही तरीके और सही समय पर की जाए, तो एक एकड़ से 10–12 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है। राजमा की फसल 75–90 दिनों में तैयार हो जाती है। यानी, राजमा की खेती में लगभग 3 महीने लगते हैं। कुछ वैरायटी ऐसी भी हैं, जो 100 दिन में तैयार होती हैं।

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अगस्त में राजमा के किसान क्या करें

अगस्त में राजमा की खेती करने वाले किसान कई काम करते हैं, जैसे खरपतवार नियंत्रण, कीट-रोग नियंत्रण, फसल की निगरानी और खाद का इस्तेमाल। जो किसान आने वाले सीजन में राजमा की खेती करना चाहते हैं, वे खेत की तैयारी करते हैं।

राजमा की खेती में कमाई

राजमा की खेती से होने वाली कमाई के बारे में बताया जाता है कि एक एकड़ से किसान 1–2 लाख रुपए तक का मुनाफा कमा सकते हैं, जो बाजार की कीमत पर निर्भर करता है। अगर 10–12 क्विंटल उत्पादन हो और बाजार भाव ₹10,000 प्रति क्विंटल हो, तो ₹1,00,000 तक की कमाई संभव है। जिसमें आज 14 अगस्त 2025 को मध्य प्रदेश में राजमा का भाव ₹72.22 प्रति किलो और ₹7222 प्रति क्विंटल है। वहीं, लागत 30,000–35,000 रुपए तक आती है। लागत किसान के पास कितना साधन है इसके अनुसार अलग हो सकता है।

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