रबी की फसल की खेती, किसानों को होगी इतनी आमदनी की घर बैठे आएगा पैसों का खजाना, जाने इस फसल की खेती के बारे में।
रबी की फसल
आज हम ऐसी फसल की खेती के बारे में बात करेगे जिसको हम सब सुबह डाइट के रूप में लेते है। जी, हाँ चना की बात कर रहे है। इसके दानों को पीसकर बेसन बनाया जाता है, जिससे अनेक प्रकार के व्यंजन व मिठाईयां बनायी जाती हैं। हरी अवस्था में चने के दानों व पौधों का उपयोग सब्जी के रुप में किया जाता है। चने का भूसा चारे व दाना पशुओं के लिए पोषक आहार के रूप मे प्रयोग किया जाता है। चना रबी ऋतु की फसल होती है।
चने की खेती
चने की बुवाई अक्टूबर महीने में कर लेनी चाहिए। चने की खेती के लिए दोमट मिट्टी अच्छी होती है। खेत में जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिये। खेत की जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिये। पाटा लगाकर भूमि को समतल कर देनी चाहिये। चने की खेती में 2 जुताई करना चाहिए।
चने के खेत में सिचाई, गुड़ाई, कटाई
पहली सिंचाई 40 से 50 दिनों बाद तथा दूसरी सिंचाई फलियां आने पर की जानी चाहिये। सिचिंत क्षेत्रों में चने की खेती के लिए 3 से 4 सिंचाई पर्याप्त होती है। अधिक समय तक पानी भरा नहीं रहना चाहिये। चने की फसल में दो बार गुड़ाई करना पर्याप्त होता है। फसल जब अच्छी प्रकार पक जाये तो कटाई करनी चाहिये। जब पत्तियाँ व फलियाँ पीली व भूरे रंग की हो जाये तथा पत्तियाँ गिरने लगे एवं दाने सख्त हो जाये तो फसल की कटाई कर लेनी चाहिये।
चने की खेती से कमाई
चना भाजी हो या चना दाल, दोनों की बाजार में बहुत मांग होती हैं। चने की एक हैक्टेयर क्षेत्र में फसल उगाने के लिए 15-20 हजार का खर्च आता है। बाजार में चने की कीमत 3000 रूपये प्रति क्विंटल होती है। प्रति हैक्टेयर लगभग 25-30 हजार रूपये का लाभ प्राप्त होता है। चना भाजी से भी मुनाफा कमा सकते हैं। सबसे ज्यादा चने की भाजी की मांग सर्दी ऋतु में सबसे ज्यादा होती है। रबी की फल से अच्छी कमाई की जा सकती है।