धान के बजाय कोई और फसल लगाने पर 1 हेक्टेयर का 17500 रु दे रही सरकार, यहाँ से करें आवेदन धड़ाधड़ आएंगे पैसे। आपकी जमीन को भी होगा फायदा। चलिए जानें क्या है योजना किसे और कैसे मिलेगा फायदा।
धान के बजाय कोई और फसल लगाने पर
इस लेख में हम इसके बारे में पूरी जानकारी लेने वाले हैं कि आखिर धान की खेती क्यों ना करें, धान की खेती के वजह दूसरी फसल में कैसे पैसा मिल रहा है तो आपको बता दे कि यह बिल्कुल सही खबर है। केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार भी इस इसके लिए सपोर्ट कर रही है कि किसान धान के बजाय दूसरी फसलों की खेती की तरफ भी ध्यान दें। केंद्र सरकार का भी कहना है कि खरीफ सीजन में किसान धान के बजाय वैकल्पिक फसलों की तरफ आकर्षित हो और उसकी खेती करके कमाई करें।
क्योंकि धान की खेती में पानी का ज्यादा इस्तेमाल होता है। लेकिन धीरे-धीरे भूजल स्तर कम होता जा रहा है। जिससे आने वाले समय में किसानों को ज्यादा दिक्कतें होंगी। क्योंकि अभी किसान ट्यूबवेल से सिंचाई करते हैं। जिससे ज्यादा पानी खर्च होता है। लेकिन धान के बजाय अन्य फसलों की खेती करने में पानी का इस्तेमाल कम होगा और किसानों को सरकार 17500 भी देगी जो की प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दिया जाएगा। तो चलिए जानते हैं कौन-से राज्य के किसानों को यह लाभ होने वाला है।
17500 रु दे रही राज्य सरकार
दरअसल, पंजाब राज्य सरकार द्वारा किसानों को यह लाभ दिया जा रहा है। जिसमें पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने किसानों को यह कह रही है कि धान की खेती के बजाय वह अन्य फसलों की खेती करें। जिससे उन्हें प्रति हेक्टेयर 17500 दिए जाएंगे। जिसके लिए पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह ने खुद यह जानकारी दी है कि इसके लिए सरकार की तरफ से 2024-25 में ही 289.87 करोड रुपए वितरित किए जाएंगे। इसके लिए किसानों को आवेदन करना होगा तो चलिए जानते हैं कितने हेक्टेयर तक किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा और आवेदन कैसे करना है।
यहाँ से करें आवेदन
अगर किस धान के बजाय कोई और खेती करना चाहते हैं तो उनके लिए यह अच्छी खबर है। आपको बता दे कि पंजाब राज्य सरकार उन्हें प्रति हेक्टेयर 17500 दे रही है जो की 5 हेक्टेयर तक उन्हें मिल सकता है। तो अगर यह लाभ आप लेना चाहते हैं तो उसके लिए आपको राज्य सरकार की पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इस तरह फसल विविधीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत किसानों को यह लाभ मिलेगा और इसके लिए सरकार ने राज्य और जिला स्तर पर समिति का भी गठन किया गया है।
जिसमें बताया जा रहा है कि यह लाभ किसानों को सीधा उनके खाते में दिया जाएगा। लेकिन दो किस्तों में उन्हें यह लाभ मिलेगा और दोनों बार बराबर के पैसे दिए जाएंगे। यह प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण यानी कि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में भेजा जाएगा। उनकी जमीन में पानी की कमी नहीं होगी। भूजल स्तर कम नहीं होगा। बल्कि भूजल स्तर बढ़ाने में मदद होगी।
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