बरसात में मछली पालक तालाब में गोबर के साथ डालें ये चीज, मछली का वजन बढ़ेगा, पानी साफ होगा, खरपतवार की समस्या भी नहीं आएगी

अगर आप बड़ी मछलियां पालते हैं या मछलियों की नर्सरी तैयार करते हैं तो बरसात के मौसम में करें ये काम, गोबर के साथ ये चीज डालें, जिससे मिलेंगे कई फायदे-

मछली पालन से आमदनी

मछली पालन से अच्छी आमदनी हो सकती है, अगर मछलियों की क्वालिटी अच्छी हो, मछलियों का वजन और आकार अच्छा हो और मछलियां स्वस्थ हों। जिसके लिए तालाब का पानी अच्छा होना चाहिए, अगर पानी गंदा है, खरपतवार है, तो इससे मछलियों को नुकसान होता है, तो आइए जानते हैं कि बरसात के मौसम में तालाब के पानी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कौन से काम किए जा सकते हैं।

बरसात में तालाब में गोबर के साथ ये चीज डालें

बरसात के मौसम में मछली पालक को कुछ काम करना होता है। जिसमें पानी को अच्छा बनाने के लिए तालाब में गोबर के साथ चूना भी इस्तेमाल किया जा सकता है, तो आइए बताते हैं इसका इस्तेमाल कैसे करना है, क्योंकि चूना और गोबर डालने से पानी अच्छा और प्रदूषण मुक्त हो जाता है, अगर खरपतवार की समस्या है तो आइए जानते हैं इसके लिए क्या करना चाहिए-

  • तालाब में चूना और गोबर का इस्तेमाल उस समय किया जा सकता है जब अच्छी बारिश हो रही हो। अगर ऐसा हो रहा है तो एक तालाब में 15 से 20 किलो चूना डाला जा सकता है जो एक एकड़ के तालाब के लिए अच्छा है।
  • इसके अलावा जो किसान मछलियों की नर्सरी तैयार करते हैं उन्हें सबसे पहले तालाब को सूखा लेना चाहिए। उसके बाद गोबर और चूना डालना चाहिए। एक एकड़ में 1000 किलो गोबर के साथ 50 किलो चूना डाला जा सकता है। इसके बाद एक फीट तक पानी भरें। करीब एक हफ्ते बाद पानी को 5 फीट तक कर दें। उसके बाद आप उसमें मछलियां डाल सकते हैं। ध्यान रहे उस समय ठंडा वातावरण होना चाहि,ए ताकि मछलियां लम्बे समय तक चल सकें।

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  • तालाब में अगर खरपतवार ज्यादा है तो यह भी नुकसान पहुंचाता है। जिसके लिए तीन किलो, 2-4 दवा डाल सकते हैं। इससे खरपतवार की समस्या से भी राहत मिलती है। अगर खरपतवार नहीं निकलेंगे तो ऑक्सीजन की कमी होती है, और भोजन की उपलब्धता भी कम हो जाती है।
  • तालाब में चूना डालने के कई फायदे हैं, जैसे पानी की अमलत्व कम होगा, पीएच स्तर स्थिर रहेगा, गोबर, तालाब में प्राकृतिक खाद का काम करेगा, वास्तव में जीवों की वृद्धि होगी जो मछलियों का भोजन बनेंगे और मछलियों का वजन बढ़ेगा।

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