धान के पैदावार बढ़ाने के लिए बूटिंग अवस्था में करें यह स्प्रे, बंपर पैदावार से भर जाएगा गोदाम

On: Tuesday, August 26, 2025 11:32 AM
धान की पैदावार बढ़ाने के लिए स्प्रे

धान की पैदावार बढ़ाना चाहते हैं तो चलिए बताते हैं कि बूटिंग अवस्था में कौन-सी खाद डालनी है, जिससे फसल को पूरा पोषण मिलेगा। दाने चमकदार और वजनदार होंगे।

धान की बूटिंग अवस्था में खाद की जरूरत

धान की बूटिंग अवस्था वह होती है जब पुष्प गुच्छ का विकास होता है। बूट का फूलना दिखाई पड़ता है। पुष्प गुच्छ के सक्रिय विकास में तना फूलने लगता है, जिससे सूजा हुआ बूट बनता है। पत्तियों के अंदर वृद्धि होती है। यह एक महत्वपूर्ण चरण होता है, जब फसल की उपज और दाने की गुणवत्ता बेहतर होती है।

इसके लिए किसानों को खाद का इस्तेमाल करना जरूरी है। यहां पर आपको एक स्प्रे के बारे में बता रहे हैं, जो धान की बूटिंग स्टेज के लिए आवश्यक है। इससे पौधों की ग्रोथ अच्छे से होगी, दाने बढ़िया तरीके से बन पाएंगे और फसल बीमारी से बचेगी। दानों में चमक दिखाई देगी और उनका वजन भी ज्यादा होगा।

धान की पैदावार बढ़ाने के लिए स्प्रे

धान की पैदावार बढ़ाने के लिए बूटिंग स्टेज में किसानों को “00:52:34” (एनपीके) स्प्रे देना चाहिए। इसमें 52% फास्फोरस और 34% पोटाश होता है। फास्फोरस पौधों की ग्रोथ के लिए अच्छा होता है, वहीं पोटेशियम पौधों के द्वारा बनने वाले भोजन को बालियों तक पहुंचाता है। इससे फसल पर रोग और बीमारी का असर नहीं होगा।

मात्रा की बात करें तो 1 एकड़ जमीन में 120 लीटर पानी में 1 किलो “00:52:34” मिलाना चाहिए, फिर खेत में छिड़के। इसके साथ ही 100 से 120 ग्राम बोरॉन भी मिलाया जा सकता है। यह भी पौधों के लिए अच्छा होता है। इससे बालियों में जो फूल लगेंगे, उनमें स्वस्थ परागण होगा, जिससे दाने मोटे और भरे हुए होंगे। इस तरह किसान उत्पादन बढ़ा सकते हैं।

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बूटिंग स्टेज की पहचान कैसे करें?

बूटिंग अवस्था की पहचान करने के लिए किसान फसल का निरीक्षण कर सकते हैं। जब ध्वज पत्ते (फ्लैग लीफ) का कॉलर दिखाई देता है, तो यही इसका संकेत होता है।

  • प्रारंभिक बूट अवस्था तब होती है, जब फ्लैग लीफ का कॉलर पिछले पत्ते के कॉलर से करीब 2 इंच ऊपर होता है।
  • मध्य बूट अवस्था तब होती है, जब फ्लैग लीफ का कॉलर पिछले पत्ते के कॉलर से 2 से 5 इंच ऊपर दिखाई देता है।

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