आम की फसल की गुणवत्ता में वृद्धि करने के लिए ये चीजे बहुत लाभकारी साबित होती है तो चलिए इसके लेख के माध्यम से जानते है आम के फल फटने की समस्या को खत्म करने का उपाय।
अब नहीं फटेगा पेड़ पर लगा आम
आम की खेती किसानों के लिए मुनाफे का तगड़ा सौदा साबित होती है आम की डिमांड देश विदेशों में भी खूब होती है इसलिए इसे फलों का राजा कहा जाता है। लेकिन कई किसान आम के पेड़ में लगे फल फटने की समस्या से बहुत परेशान रहते है जिससे फटे हुए आम के फल के दाम भी कम मिलते है और गुणवत्ता में भी गिरावट होती है। आम के फल फटने की समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है पेड़ में पोषक तत्व की कमी होना। आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे है जो आम के पेड़ के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होती है ये चीजें पेड़ को भरपूर पोषण देती है जिससे पेड़ में लगे आम फटने की समस्या से छुटकारा मिलता है तो चलिए जानते है कौन सी चीज है।

आम के पेड़ में डालें ये चीज
आम के पेड़ में डालने के लिए हम आपको बोरान, नीला थोथा, जिंक सल्फेट और गोबर की खाद के बारे में बता रहे है आम के पेड़ में विशेष रूप से कैल्शियम और बोरान की कमी होने से आम के फल फटने लगते है आम के पेड़ में बोरान एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है जो पेड़ के विकास, फूल आने और फल बनने के लिए महत्वपूर्ण है बोरान की कमी से फल की गुणवत्ता और पैदावार कम होती है फल फटते है और उनकी जीवन शक्ति कम हो सकती है नीला थोथा फफूंद जनित रोगों के लिए एक प्रभावी उपाय है। ये फंगस के विकास को नियंत्रित करता है और पेड़ को स्वस्थ रखता है जिंक सल्फेट आम के फलों के आकर और गुणवत्ता में सुधार करता है गोबर की खाद मिट्टी को उपजाऊ बनाती है और उर्वकता को बढ़ाती है। इन सभी चीजों का उपयोग आम के पेड़ में जरूर करना चाहिए।
कैसे करें उपयोग
आम के पेड़ में बोरान, नीला थोथा, जिंक सल्फेट और गोबर की खाद का उपयोग बहुत ज्यादा उपयोगी और लाभकारी साबित होता है इनका उपयोग 8 से 10 वाले आम के पेड़ों में करने के लिए 3 लीटर पानी में 200 ग्राम बोरान, 200 ग्राम नीला तोता, 200 ग्राम जिंक सल्फेट, 250 ग्राम चुना को मिलाकर आम के पेड़ के तने पुताई वाले ब्रश की मदद से पोतना है और गोबर की खाद को आम की जड़ों के पास मिट्टी की गुड़ाई करके डालना है ऐसा करने से पौधे को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होंगे जिससे आम के पेड़ में फल फटने की समस्या खत्म होगी और आम के फलों की गुणवत्ता बढ़ेगी।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।