गेहूं और कच्ची हल्दी की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार खरीद रही है गेहूं ₹60 प्रति किलो और हल्दी ₹90 प्रति किलो-
गेहूं और कच्ची हल्दी की खेती
किसानों को गेहूं और कच्ची हल्दी की खेती में मुनाफा मिल रहा है, लेकिन आज हम बात कर रहे हैं उन किसानों की जो प्राकृतिक खेती करते हैं, यानी वो गेहूं और हल्दी की खेती प्राकृतिक तरीके से करते हैं, किसी भी तरह की रासायनिक दवा का इस्तेमाल नहीं करते, दरअसल हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती करने वाले गेहूं और हल्दी के किसानों को 60 और 90 रुपये प्रति किलो के भाव पर गेहूं और हल्दी मिल रही है।

जिसके तहत 15 मई से 15 जून तक विशेष अभियान चलेगा। इस अभियान में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, 15 मई से खरीद शुरू हो गई है, जिसमें सबसे पहले कुछ जिलों में खरीद शुरू होगी, गेहूं के लिए करीब 22 केंद्र बनाए गए हैं, जहां प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं बेचा जाएगा। 60 रुपये प्रति किलो। पहले कीमत 40 थी लेकिन अब इसमें 20 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
गेहूं का उत्पादन
अगर प्राकृतिक खेती में गेहूं उत्पादन की बात करें तो अनुमान है कि 213 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा सकता है, जिसमें किसान जल्द से जल्द पंजीकरण कराकर गेहूं बेच दें। यहां किसानों को गेहूं के अच्छे दाम मिलेंगे। करीब 1000 किसानों ने पंजीकरण कराया है। इसके अलावा अगर किसान दूर-दराज से आते हैं और उनका घर केंद्र से 2 किलोमीटर से ज्यादा दूर है तो उन्हें 2 रुपये प्रति किलो की दर से परिवहन खर्च भी मिलेगा।
हल्दी का उत्पादन
जिन लोगों ने प्राकृतिक खेती करके कच्ची हल्दी उगाई है, उन्हें भी 90 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। अनुमान है कि 17 से 18 टन कच्ची हल्दी का उत्पादन होगा। हल्दी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, इसलिए अगर इसकी खेती में किसी तरह की रासायनिक खाद या कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है तो किसानों को इसकी अच्छी कीमत मिलेगी क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होगी और जैविक तरीके से उगाई जाएगी।
यह भी पढ़े- मल्चिंग के लिए किसानों को मिल रहे हैं 20 हजार रु, खरपतवार नहीं उगेगी, मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ेगी