प्रदीप इन अमरुदों से 6 लाख रु कमा रहे, साल में 3 बार मिलती है उपज, जानिये कौन-सी वेरायटी है

प्रदीप इन अमरुदों से 6 लाख रु कमा रहे, साल में 3 बार मिलती है उपज, जानिये कौन-सी वेरायटी है। जिससे किसान कर बढ़िया कमाई।

अमरुद की खेती से 6 लाख रु कमा रहे

बागवानी करके कई किसान मालामाल हो रहे हैं। जिसमें आज हम एक किसान की सफलता की कहानी आपके सामने पेश करने जा रहे हैं। यह किसान उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और अमरूद की एक उन्नत किस्म की खास वैरायटी की खेती करके कम समय में ज्यादा उपज लेते हैं और बढ़िया किस्म होने के कारण इन्हें इसकी अच्छी खासी कीमत भी मिलती है। आपको बता दे कि यह किसान उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इनका नाम प्रदीप धारीवाल है। तो चलिए जानते हैं यह कौन-से अमरूद की वैरायटी की खेती करते हैं और कितने एकड़ में कौन-सी विधि से खेती कर रहे हैं। जिससे उनके उपज की इन्हें कई गुना ज्यादा कीमत मिलती है।

प्रदीप इन अमरुदों से 6 लाख रु कमा रहे, साल में 3 बार मिलती है उपज, जानिये कौन-सी वेरायटी है

यह भी पढ़े-खेती से रोजाना ₹15000 की हो रही कमाई, जानिए किन फसलों की खेती से किसान कमा रहे अंधा पैसा

इस वेरायटी ने बदली किस्मत

किसान धारीवाल अमरूद की किसी साधारण वैरायटी की खेती नहीं करते हैं बल्कि एक खास वैरायटी इन्होंने लगा रखी है। दरअसल इन्होंने ताइवान अमरूद की एक उत्तम वैरायटी लगाई हुई है। जिसका नाम एडवांस ताइवान पिंक है। मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि ताइवान अमरूद की तकरीबन 19 वैरायटी आती है। जिसमें से इन्होंने एडवांस ताइवान पिंक वैरायटी को चुना है और उन्होंने बताया कि यह उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और अमरूद की यह वैरायटी वह कोलकाता से मंगाते हैं।

जिसमें उन्होंने बताया कि यह वैरायटी साल में तीन बार उन्हें उपज देती है। जिससे एक प्रोडक्शन से 6 लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं। चलिए जानते हैं वह कौन सी विधि से खेती कर रहे हैं और कितने एकड़ में कितने पौधे लगाकर रखे हुए हैं।

इस खाद से करते है खेती

कुछ सालों से किसान केमिकल वाली खेती करने लगे हैं। लेकिन पहले किसान जैविक खेती करते थे। यानी कि आसपास मिलने वाली खाद है जैसे कि गोबर खाद का इस्तेमाल करते थे। लेकिन अब गई केमिकल वाली दवाई, कीटनाशक खाद का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन किसान प्रदीप धारीवाल ने जैविक खेती अपनाया है। वह जैविक खाद से खेती करते है। किसी तरह का केमिकल वह इस्तेमाल नहीं करते। जिससे कम खर्चे में उन्हें बढ़िया उपज मिलती है और मिट्टी को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होता और उपज भी बिना केमिकल वाली मिलती है। उन्होंने बताया अपनी जमीन में उन्होंने करीब 800 पौधे लगाए हैं और डेढ़ साल में यह पौधे फल देने लगते हैं।

यह भी पढ़े-महिला ने खेती से बदली तकदीर, 10 हजार लगाकर 1 लाख कमाए, सरकारी योजना का उठाया लाभ

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद