ये उर्वरक आलू के कंद के साइज को बढ़ाने के लिए बहुत लाभकारी साबित होता है इसमें कई तत्व के गुण होते है जो पैदावार को भी कई गुना मात्रा में बढ़ाते है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन सा उर्वरक है।
आलू के कंद का साइज होगा मोटा
आलू की खेती बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होती है बाजार में आलू के बड़े कंद की खूब ज्यादा डिमांड होती है आलू की फसल में जड़ों के विकास, कंद के आकार और फसल की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सही खाद का समय पर उपयोग फसल की उपज को बढ़ाने के लिए बहुत जरुरी होता है। आज हम आपको एक ऐसे घोल के बारे में बता रहे है जो न केवल सिर्फ आलू के आकर को बढ़ाता है बल्कि पौधों की वृद्धि को भी बेहतर बनाता है और फसल को कीट रोगों से भी सुरक्षित रखता है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन सा घोल है।
आलू की फसल में डालें ये उर्वरक
आलू की फसल में डालने के लिए हम आपको गाय के गोबर, गोमूत्र, उड़द का आटा, सरसों की खली और गुड़ से बने जैविक फर्टिलाइजर के बारे में बता रहे है ये घोल आलू की फसल को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है। इसके नियमित उपयोग से रासायनिक खादों के उपयोग को कम किया जा सकता है जिससे फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है। इस जैविक फर्टिलाइजर को आलू की फसल में डालने से आलू की पैदावार कई गुना मात्रा में बढ़ जाती है। इसका इस्तेमाल आलू की फसल में जरूर करना चाहिए।
कैसे करें उपयोग
आलू के कंद को बढ़ाने के लिए गाय के गोबर, गोमूत्र, उड़द का आटा, सरसों की खली और गुड़ से बने जैविक फर्टिलाइजर का उपयोग बहुत लाभकारी और उपयोगी साबित होता है। एक एकड़ आलू की फसल में इसका उपयोग करने के लिए 5 किलो गाय का गोबर, 5 लीटर गोमूत्र, 1 किलो उड़द का आटा, 2 से 3 किलो सरसों की खली और 1 किलो गुड़ को 20 लीटर पानी में मिलाकर 24 घंटे के लिए छोड़ देना है 24 घंटे बाद फिर इस उर्वरक में 1 लीटर पानी मिलाकर आलू की फसल में छिड़काव करना है ऐसा करने से आलू की फसल को जरुरी पोषक तत्व प्राप्त होंगे। जिससे आलू की जबरदस्त पैदावार होगी।