PMFBY: किसानों के संकट की घड़ी में यह योजना देगी पैसा, गेहूं-सरसों जैसी रबी फसलों के लिए 31 दिसंबर से पहले कराएं पंजीयन

On: Wednesday, December 10, 2025 9:36 AM
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PMFBY: किसान अगर प्राकृतिक आपदा या किसी भी कारण से फसल का नुकसान होता है तो सरकार से पैसा मिलेगा आईए जानते हैं रबी फसलों के लिए जरूरी खबर-

पीएम फसल बीमा योजना

पीएम फसल बीमा योजना का फायदा उठाकर संकट की घड़ी में आर्थिक नुकसान से बच सकते हैं। राजस्थान में इस समय प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी सीजन के अंतर्गत गेहूं, सरसों के अलावा आलू, नींबू, आम, बैंगन जैसी सब्जी फसलों की खेती करने वाले किसान भी फसल का बीमा करवा सकते हैं। 31 दिसंबर 2025 अंतिम तिथि बताई जा रही है, तो आइये आपको बताते हैं प्रीमियम की राशि कितनी देनी होगी, जो की सब्सिडी के बाद बेहद कम हो जाती है।

गेहूं का बीमा करने के लिए कितना प्रीमियम राशि देना होगा

किसान भाई अगर गेहूं का बीमा करवाते हैं तो प्रति हेक्टेयर के अनुसार बीमा की राशि यहां पर आपको बताने जा रहा है। जिसमें सरकार की तरफ से भारी भरकम अनुदान मिलता है। केंद्र और राज्य सरकार 50-50 अनुपात में सब्सिडी देती है। जिसमें विमित राशि का सिर्फ 1.5% प्रीमियम किसान को देना होता है, तो अगर एक हेक्टेयर में गेहूं की फसल का बीमा किसान करवाते हैं तो 96172 रुपए का खर्चा आता है। लेकिन किसान को सिर्फ 1443 रुपए ही देना होता है। वही सरसों का बीमा करवाते हैं तो 121864 प्रति हेक्टेयर के अनुसार बीमा का खर्च बैठता है।

जिसमें किसान को सिर्फ 1828 रुपए एक हेक्टेयर के अनुसार प्रीमियम देना होता है, इस तरह बेहद कम खर्चे में किसान फसल को सुरक्षित कर सकते हैं। आइये आपको बताते हैं किन कारण से फसल का नुकसान होता है, तो किसान को मुआवजा मिलता है।

किस कारण से फसल का नुकसान होने पर मुआवजा मिलता है

किसान अगर फसल खराब होती है तो सरकार से आर्थिक मदद मिलेगी। इसके लिए 72 घंटे के भीतर कृषि रक्षक पोर्टल या हेल्पलाइन या फिर क्रॉप इंश्योरेंस ऐप या लिखित रूप से बैंक या कृषि अधिकारी को सूचना देना पड़ता है। जिसमें फसल खराब होने के कारण के बाद करें तो अगर प्राकृतिक रूप से आग लगती है, बाढ़ आ जाती है, खेतों में पानी भर जाता है, भारी बारिश होती है, सुखा आ जाता है या कोई रोग कीट अचानक फैलता है, तूफान या चक्रवात जैसी स्थिति आती है तो फिर आप सूचना दे सकते हैं।

जिसके बाद राजस्व पटवार मंडल स्तर पर आकलन होगा। फसल बीमा क्लेम राजस्थान अजमेर मंडल एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग द्वारा किया जाएगा और फिर कटाई प्रयोग के औसत उपज आंकड़ों के आधार जारी होंगे, जितना नुकसान होगा उसके अनुसार मिलेगा।

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