सफेद नहीं यह बैगनी चावल लगाएं, प्रति हेक्टेयर 5 टन देता है उत्पादन, सेहत के लिए है फायदेमंद, कीमत मिलेगी तगड़ी

किसान सफेद चावल तो बहुत खा लिए है अब बैगनी चावल लगाएं, सेहत को दुरुस्त बनाए, जानिए इसका नाम और खासियत-

सेहत के लिए फायदेमंद बैगनी चावल

सफेद चावल से हमारा मतलब सफेद रंग का चावल जो की ज्यादातर किसान लगाते हैं और सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी भी करती है। लेकिन यहां पर बात कर रहे हैं बैगनी रंग के चावल की जो की सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है, और इसकी कीमत भी ज्यादा मिलेगी। ग्राहक इसकी तरफ आकर्षित होंगे।

लेकिन अभी बहुत कम किसानों को वैरायटी के बारे में पता है। इस बैगनी रंग के चावल में समृद्ध पोषण गुण होते हैं। किसान इसकी खेती अपने लिए कर सकते हैं, तथा बेचने के लिए भी लगा सकते हैं। इसके दाने सुगंधित होते हैं, और सामान्य चावल से जल्दी यह पक जाता है। चलिए आपको इसका नाम बताते हैं।

लबन्या

इस चावल का नाम लबन्या है। जिसका रंग बैगनी होता है। बैगनी रंग का लबन्या चावल एंटीऑक्सीडेंट, फ्लेवोनॉयड्स, अमीनो एसिड जैसे कई तरह के तत्व से भरा हुआ है। इस चावल का स्वाद अच्छा होता है, और इसकी एक खासियत यह है की मिलिंग क्वालिटी अच्छी होती है जिससे इसके गुणवत्ता में चार चांद लग जाते हैं।

इसकी खेती करके किसान प्रति हेक्टेयर 4.5 से 5 टन तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। अगर कोई चावल का आटा खाता है तो बता दे की ग्लूटेन फ्री आटा इससे बनाया जाता है। जिससे आटे की भी ज्यादा कीमत मिलेगी। चलिए जानते हैं इस खास चावल की खेती कहां होती है और इसको किसके द्वारा विकसित किया गया है।

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इस यूनिवर्सिटी ने किया विकसित

चावल की इस शानदार खास वैरायटी को विकसित करने का श्रेय असम की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को जाता है। जिन्होंने बैगनी रंग का लबन्या चावल बनाया है। इस धान को 18 से अधिक राज्यों में बेचा जा चुका है, जहां पर 30 फीसदी ऐसे लोग हैं जो हर बार इस धान को खरीदते हैं। इसको इ-कॉमर्स प्लेटफार्म पर भी बेंचा जाता है।

इसे पीपीवी एंड एफआरए द्वारा रजिस्ट्रेशन भी किया जा चुका है। इस चावल को वहीं के एक लोकल बिजनेसमैन द्वारा लगाया जा रहा है, और इसकी बिक्री भी की जा रही है। धान की लबन्या वैरायटी धीरे-धीरे लोगों के दिल में जगह बना रही है।

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