अगस्त में तोरई की खेती के लिए ये किस्म सर्वोत्तम मानी जाती है इसकी खेती में कीटनाशकों का खर्चा कम होता है तो चलिए जानते है कौन सी किस्म है।
अगस्त में तोरई की इस बेहतरीन किस्म को लगाएं
खरीफ मौसम में तोरई की खेती के लिए उच्च गुणवत्ता वाली किस्म का चयन करना सबसे कठिन काम होता है आज हम तोरई की एक ऐसी वैरायटी के बारे में बता रहे है को खरीफ में खेती के लिए सबसे अच्छी होती है ये वैरायटी तेजी से विकास करती है।इसकी खेती से बहुत अधिक उपज मिलती है इसकी मांग भी बाजार में ज्यादा होती है क्योकि इसके फल एक समान आकार और गुणवत्ता के होते है। इस किस्म की तोरई 25-30 सेमी लंबी और 2.2-2.6 सेमी चौड़ी होती है हम बात कर रहे है तोरई की VNR वैरायटी की खेती की इसे आरती के नाम से भी जाना जाता है।

तोरई की VNR वैरायटी
तोरई की VNR वैरायटी की खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होती है इसके बीज बाजार में बीज भंडार की दुकान में आसानी से मिल जाएगी। तोरई की VNR किस्म की खेती के लिए जल निकास वाली दोमट और बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी उत्तम मानी जाती है। इसकी बुआई से पहले किसानों को खेत को गहरा जोतकर समतल करना चाहिए और 10-15 टन गोबर की खाद प्रति एकड़ में डालकर खेत को तैयार करना चाहिए। इसके बीजों 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए और दो पौधों के बीच 50 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए। बुआई के बाद तोरई की VNR वैरायटी की फसल करीब 2 महीने में तैयार हो जाती है।
कितना होगा उत्पादन
तोरई की VNR वैरायटी की खेती से न केवल ज्यादा उत्पादन मिलता है बल्कि ये किस्म की तोरई की डिमांड भी बाजार में अच्छी होती है एक एकड़ में तोरई की VNR वैरायटी की खेती करने से करीब 80-100 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है ये बाजार में करीब 20 से 40 रूपए प्रति किलो बिकती है आप इसकी खेती से करीब 2 लाख से 3 लाख रूपए की कमाई कर सकते है। तोरई की VNR वैरायटी एक उच्च गुणवत्ता वाली उन्नत किस्म है।