किसान को कर्ज के चंगुल से निकालेगी ये हरे पत्तेदार सब्जी, 45 दिन में कमाई 75 हजार रु, चुपके से जानें खेती का तरीका जो कि किसी को नहीं पता

On: Thursday, August 14, 2025 4:56 PM
बरसात में धनिया की खेती

किसान अगर कम समय और कम खर्चे में ज्यादा आमदनी देने वाली हरे पत्तेदार सब्जी लगाना चाहते हैं, तो चलिए एक ऐसी ही सरल खेती के बारे में बताते हैं।

गर्मी-बरसात में मिलती है ज्यादा कीमत

किसान भाई इस फसल को साल भर लगा सकते हैं, लेकिन गर्मी और बरसात के मौसम में इसकी ज्यादा कीमत मिलती है। इसका कारण यह है कि कई किसान इस समय इसकी खेती सही तरीके से नहीं कर पाते, जिससे मंडी में आवक कम हो जाती है और कीमत बढ़ जाती है। खाने का स्वाद बढ़ाने वाली हरी धनिया की खेती अगस्त और सितंबर में करके किसान अच्छा मुनाफा, वह भी कम खर्चे में, प्राप्त कर सकते हैं। आइये अब जानते हैं कि अच्छा उत्पादन किस तरीके से लिया जा सकता है।

खेत का चुनाव

अगस्त-सितंबर में हरी धनिया की खेती करने के लिए खेत का सही चुनाव जरूरी है। इस समय बरसात होती है, इसलिए ऊंची जगह पर, जहां पानी न रुके, धनिया की खेती करनी चाहिए ताकि जलभराव की समस्या न आए।

बीज का चुनाव और बुवाई

बीज का चुनाव और बुवाई के बारे में भी किसानों को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। बुवाई से पहले बीज का उपचार कर लें। 1 किलो बीज के लिए 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे बीज जनित रोग नहीं लगेंगे। साथ ही हाइब्रिड वैरायटी का चयन करें, जिससे 3–4 बार कटाई करने का मौका मिलेगा। अच्छी वैरायटी की बात करें तो नामधारी की सुरभि, आरके सीड्स और मुंबई सुपर इत्यादि अच्छी हैं। अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार भी किस्म का चयन करें।

बेड बनाकर करें खेती

बरसात में धनिया की खेती करते समय बेड बनाकर बुवाई करना बेहतर होता है। इसके लिए 3–4 फीट चौड़ा बेड बनाएं तथा दो बेड के बीच में एक नाली रखें, जिससे पानी की निकासी आसानी से हो सके।

खाद और उर्वरक

धनिया की खेती में बहुत ज्यादा खाद की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन अगर मिट्टी ज्यादा उपजाऊ नहीं है, तो एसएसपी, डीएपी और फंगीसाइड इत्यादि डाल सकते हैं। फंगीसाइड डालना जरूरी है, इससे रोगों से बचाव होता है। यह सब खाद डालने के बाद बीज की बुवाई करें। 20–21 दिन बाद दोबारा यूरिया, जिंक सल्फेट और सूक्ष्म खाद दें।

कितने दिन में होगी फसल तैयार

धनिया की फसल 45 दिन में तैयार हो जाती है। कई वैरायटी 45 से 60 दिन में भी तैयार होती हैं। बीच-बीच में स्प्रे करें, जिससे कीट और रोग नियंत्रित रहें। साथ ही, बुवाई के 20–25 दिन बाद निराई-गुड़ाई करें, जिससे मुख्य फसल का विकास अच्छा हो और खरपतवार निकल जाए।

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एक नहीं 3 बार में करें बीजों की बुवाई

धनिया के बीजों की बुवाई एक बार में न करें। इसे तीन बार में बोना बेहतर होता है, जिससे उत्पादन अलग-अलग समय पर मिलेगा। अगर बरसात हो भी जाए, तो पूरी फसल एक साथ खराब न हो और केवल एक हिस्से पर असर पड़े।

उदाहरण के लिए, अगर आप एक एकड़ में धनिया की खेती कर रहे हैं, तो इसे तीन हिस्सों में बांटें और 15–15 दिन के अंतराल पर बीजों की बुवाई करें। इससे फसल अलग-अलग समय में तैयार होगी, भाव भी अलग-अलग मिलेंगे और उत्पादन सही तरीके से मिलेगा।

इसमें भाव 15 से 25 और 30 रुपये किलो तक मिल सकता है, जिससे किसान 70,000 से 75,000 रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।

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