मूंग के किसानों का रौद्र रूप देखेगी सरकार, भोपाल में होगा घेराव? जानिए MP के मूंग के किसानों की प्लानिंग

MP के मूंग के किसानों को बड़ी समस्या आ रही है, वह काफी परेशान हैं, लेकिन मूंग की MSP पर खरीद न होने से उन्होंने सरकार को चेताया है, तो चलिए जानते हैं पूरी खबर-

मूंग की खेती

ग्रीष्मकालीन फसलों में अधिकतर किसानों ने मूंग की खेती की थी। जिसमें मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम, हरदा, सीहोर, विदिशा और रायसेन के कई किसानों ने मूंग की खेती की थी। केंद्र सरकार द्वारा मूंग का एमएसपी अच्छा तय किया गया था, जिससे किसानों को अच्छे दाम मिलने की उम्मीद थी, लेकिन सारी उम्मीदें धराशायी हो गई हैं, आइए आपको बताते हैं कि इसकी क्या वजह रही।

मूंग में जहर

मध्य प्रदेश सरकार एमएसपी पर मूंग नहीं खरीद रही है, जिसकी एक वजह यह बताई जा रही है कि मूंग जहरीला हो सकता है, इसका असर बाद में भी हो सकता है, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मूंग की फसल समय से पहले तैयार हो गई है, उनका मानना ​​है कि किसानों ने कई तरह की दवाइयों का इस्तेमाल किया है, लेकिन किसान यह मानने को तैयार नहीं हैं। किसानों का कहना है कि बाजार में जो भी उपलब्ध है, उसका इस्तेमाल करते हैं और दुकानों में क्या बिक रहा है।

किसान क्या इस्तेमाल कर रहे हैं, इसकी जांच करना कृषि विभाग की जिम्मेदारी है, तो इसमें किसानों की कोई गलती नहीं है, उनका कहना है। तो आइए आपको बताते हैं कि किसान सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे लेंगे।

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किसानों ने सरकार को चेताया

केंद्र सरकार द्वारा मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 8768 रुपये तय किया गया है, लेकिन अगर किसान बाजार में मूंग बेचते हैं, तो उन्हें सिर्फ ₹5500 से ₹6000 प्रति क्विंटल ही मिल रहा है। जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है यही वजह है कि किसान परेशान हैं। वहीं सरकार का मानना ​​है कि इसकी लागत 5845 है तो इस हिसाब से किसानों को कोई मुनाफा नहीं मिल रहा है। इसीलिए किसान सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं।

जी हां आपको बता दें कि किसान नेता गांव-गांव में दूसरे किसानों को इस बात की जानकारी देंगे और सभी किसान भोपाल जाकर सरकार का घेराव करेंगे। फिर सरकार ऐसा करने पर मजबूर होगी। इस तरह अगर सरकार प्यार से नहीं मान रही तो किसानों का उग्र रूप देखना पड़ेगा।

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