धान की खेती के साथ मछली पालन करके किसान हो रहे मालामाल, एक साथ मिल रहा कमाई का दो जरिया

On: Monday, April 29, 2024 10:00 AM
धान की खेती के साथ मछली पालन करके किसान हो रहे मालामाल, एक साथ मिल रहा कमाई का दो जरिया

धान की खेती के साथ मछली पालन करके किसान हो रहे मालामाल, एक साथ मिल रहा कमाई का दो जरिया। आज हम यह जानेंगे कि धान की खेती के साथ मछली पालन भी करके कैसे कमाई की जा सकती है।

धान की खेती के साथ मछली पालन

धान की खेती देश में कई राज्यों में की जाती है। लेकिन किसान धान के साथ-साथ मछली पालन करके दोगुना मुनाफा ले सकते हैं। जिसके लिए किसान को ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी होगी, और साथ ही साथ धान की फसल को भी इससे फायदा होगा। तब चलिए जानते हैं धान की फसल के साथ मछली पालन कैसे कर सकते हैं, और इससे होने वाले फायदे क्या है।

खेती के साथ मछली पालन से फायदे

धान की फसल के साथ मछली पालन को फिश राइस फार्मिंग कहा जाता है। इस फार्मिंग में धान के खेतों में मछली का पालन भी किया जाता है। लेकिन इसके लिए आपको उस जमीन में मछली पालन करना होगा, जहां पर पानी ज्यादा रुकता हो। ताकि मछली वहां रह सके। जिसमें खेत के चारों ओर जल की सीमा बनाकर भी मछली पालन के साथ खेती की जा सकती है। ताकि मछलियां खेत के बाहर ना निकल जाए।

इसके अलावा मछलियों को पक्षियों आदि जानवरों से भी बचाना पड़ता है। बता दे की धान की फसल में ही मछलियों को कुछ चारे मिल जाते है और मछलियों से निकलने वाला वेस्ट पदार्थ धान की फसल में जैविक खाद के रूप में काम करता है।

धान की खेती के साथ मछली पालन करके किसान हो रहे मालामाल, एक साथ मिल रहा कमाई का दो जरिया

यह भी पढ़े-सहजन की खेती में चारो तरफ से आता है पैसा, एक बार पौधे लगाए 10 साल बैठे-बैठे कमाएं, जानिए सहजन की डिमांड और खेती कैसे होती

ऐसे करें मछली पालन

मछली की बात की जाए तो अपने देश में मछली की ज्यादा मान्य नस्ल में मीठे पानी वाली मछली की ज्यादा मांग रहती है। जिसमें कत्ला, रोहू, मृगल जैसी देसी मछली पाल सकते हैं। अगर विदेशी मछली पलानी है तो कॉमन कार्प, सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प आदि मछली आती है। इन्हें भी पाल सकते हैं। जिनके भोजन की भी व्यवस्था करनी होगी। भोजन के लिए अनाज, जैविक खाद और सूक्ष्म पादप, सूक्ष्म जंतु मछलियों का भोजन बन सकते हैं। चलिए जानते हैं फिश राइस फार्मिंग से कैसे किसानों को फायदा हो रहा है।

एक साथ मिल रहा कमाई का दो जरिया

फिश राइस फार्मिंग अपने देश में अभी कम प्रचलित है। लेकिन कई देशों में धान की खेती के साथ मछली पालन में उन्हें मुनाफा हो रहा है। क्योंकि मछलियों की वजह से धान की फसल को कोई नुकसान नहीं होता है, और धान की सड़ी पत्तियों को भी मछली खा जाती है। साथ ही अनावश्यक कीड़े मकोड़े भी वह खा जाती हैं। इससे मिट्टी भी खेत की अच्छी होती है। उत्पादकता मिट्टी की बढ़ जाती है।

इस तरह दोगुना मुनाफा हो रहा है। जिसमें धान से भी उन्हें कमाई होगी और मछली बेचकर भी पैसे कमा सकते हैं। साथ ही किसानों को खाद का भी खर्चा कम आएगा। लेकिन धान की खेती के लिए किसानों को सही जमीन चुनना होगा। जिससे मछली पालन करने में उन्हें मदद मिले।

यह भी पढ़े-5 हजार लगाकर 60 हजार कमाएं, 12 महीने डिमांड वाली इस सब्जी की खेती से किसान की बदली तकदीर, यहाँ जानिये कैसे

Leave a Comment