धान के किसानों के लिए जरूरी सूचना। तना छेदक फसल को खराब कर सकता है। चलिए आपको बताते हैं, उत्पादन घटने से बचने के लिए कौन सा समाधान करना चाहिए।
धान की फसल में तना छेदक
धान की फसल में कई किसानों को तना छेदक की समस्या आ रही है। वहीं, कुछ किसानों को इसकी जानकारी ही नहीं है, जिससे उन्हें नुकसान हो सकता है। इसलिए आज हम तना छेदक पर बात करने जा रहे हैं।
तना छेदक पौधे के अंदर घुस जाता है और तनों को नुकसान पहुंचाता है। इससे पौधे का तना कमजोर हो जाता है और पौधा धीरे-धीरे सूखने लगता है। अंत में केवल सफेद सूखी पत्तियां रह जाती हैं और खाली बालियां बनती हैं, जिनसे अनाज नहीं मिलता। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि पौधा सूखने से पैदावार 30 से 40% तक घट जाती है। इसलिए यह कीट धान के किसानों का दुश्मन माना जाता है। तो चलिए जानते हैं कौन सा कीटनाशक उपयोग कर सकते हैं।

धान की फसल से तना छेदक हटाने के लिए कीटनाशक
धान की फसल में तना छेदक, पत्ती मोड़क, इल्लियों का प्रकोप हो तो ऐसे में क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% SC का छिड़काव कर सकते हैं। यह कीटनाशक कीड़े के अंडे और लार्वा दोनों पर असर डालता है और फसल की सुरक्षा करता है। इससे पौधे हरे-भरे बने रहते हैं, बालियां पूरी भरती हैं और उत्पादन अच्छा मिलता है।
कितनी मात्रा में करें इस्तेमाल
यह कीटनाशक आप किसी भी भरोसेमंद कंपनी से ले सकते हैं। मात्रा की बात करें तो 0.4 मिली प्रति 1 लीटर पानी में मिलाया जाता है। एक एकड़ में लगभग 150 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है। छिड़काव करने से पहले दवाई पर लिखे गए निर्देशों को जरूर पढ़ें और उसी अनुसार मात्रा मिलाएं। सही मात्रा का उपयोग करना बहुत जरूरी है, नहीं तो उल्टा प्रभाव भी हो सकता है।
नोट- किसी भी तरह का कीटनाशक, दवाई या खाद का छिड़काव करने से पहले कृषि विशेषज्ञ से जरूर संपर्क करें। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। धन्यवाद।

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