पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दुधारू पशुओं का वितरण किया है, और उनके भरण पोषण के लिए पोषण आहार भी दिया है-
पशुपालन को बढ़ावा
पशुपालन कमाई का एक अच्छा विकल्प है। सदियों से लोग खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते आ रहे हैं। लेकिन आज के समय में पशुपालन एक बड़ा व्यवसाय बन चुका है। पशुपालन के जरिए लोग करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। लेकिन अगर बात करें छोटे किसानों की तो वह लोग भी अगर दुधारू पशु का पालन करते हैं तो उन्हें कई तरह के फायदे होंगे। जैसे कि दूध या अन्य तरह के प्रोडक्ट की बिक्री कर सकते हैं। साथ ही खेती किसानी के लिए गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जिसमें आपको बता दे की मध्य प्रदेश सरकार द्वारा एक समुदाय के लोगों को 17 फरवरी को करीब 32 पशुपालकों को दो-दो भैंस और पशु आहार बांटा गया है, चलिए आपको बताते हैं कि आखिर यह योजना क्या है।
मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना
दरअसल हम मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना की बात कर रहे हैं। यह मध्य प्रदेश राज्य सरकार की योजना है। जिसके तहत 17 फरवरी को 32 पशुपालकों को गाय और भैंस के साथ पशु आहार मिला है। यहां पर 90% सब्सिडी के साथ हितग्राहियों को यह लाभ दिया गया है। 10% सिर्फ उन्हें खर्च करना पड़ा है। 90% खर्च सरकार उठा रही है। यहां पर सहरिया परिवार के लोगों को यह लाभ दिया गया है।
दरअसल सरकार सहरिया समुदाय के लोगों को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं। सहरिया के साथ-साथ बैगा और भार्या जनजाति को सरकार आगे बढ़ाना चाहती है। सरकार का उद्देश्य है कि सहरिया बैगा और भार्या जनजाति के लोग दुधारू पशुओं का पालन करके आत्मनिर्भर बन सके।

14 जिलों में शुरू हुई योजना
मध्य प्रदेश के करीब 14 जिलों में यह योजना चल रही है। जिसमें पशुपालकों को पशुओं का वितरण किया गया है, और निरंतर मॉनिटरिंग भी की जाएगी कि वह पशुओं को अच्छा चारा पानी दे रहे हैं या नहीं। उनकी देखभाल कर रहे हैं या नहीं, और उनसे उन्हें किस तरीके से फायदा हो रहा है, उनके जीवन में किस तरह से बदलाव आ रहा है। आपको बता दे की 8 लीटर दूध देने वाले पशुओं का उन्हें वितरण किया गया है, जो की सुबह और शाम मिला करके 8 लीटर दूध देंगे।
इस तरह डबरा जनपद के ग्राम पंचायत छीमक में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना के अंतर्गत सहरिया जनजाति के लाभार्थियों को पशु और पशु आहार दिया है।