पशुपालकों के पास होंगी सारी सुविधाएं, 11 लाख तक की सब्सिडी दे रही सरकार, नंद बाबा दुग्ध मिशन की ये 3 योजनाएं है वरदान।
पशुपालकों के पास होंगी सारी सुविधाएं
पशुपालकों के काम को आसान करने के लिए दुग्ध उद्योग को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ देसी गायों के पालन को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। जिसमें आज हम बात कर रहे हैं नंद बाबा दुग्ध मिशन के इसके अंतर्गत तीन लाभकारी योजना चलाई जा रही है। जिससे पशुपालकों को सारी सुविधाएं मिलेंगी, जैसे की आर्थिक मदद, चारा काटने की मशीन आदि। जिसमें लाखों रुपए का यहां पर अनुदान मिल रहा है ताकि पशुपालक बढ़िया तरीके से गाय का पालन कर सके और ज्यादा कमाई कर सके।
जी हां आपको बता दे की गाय के दूध, घी, तथा अन्य प्रोडक्ट के अच्छी खासी कीमत मिलती है तो चलिए आपको इन तीन योजनाओं के बारे में बताते हैं और उनके अंतर्गत क्या-क्या लाभ है यह भी जानेंगे।
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पशुपालकों के लिए 3 खास योजनाएं
नीचे लिखे तीन बिंदुओं के अनुसार नंद बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत चलने वाली योजनाओं के बारे में जाने।
- सबसे पहले हम स्वदेशी गौ संवर्धन योजना की बात कर लेते हैं। यह उत्तर प्रदेश के जिलों के लिए चलाई जा रही है। जिसमें 24 इकाई स्थापित करने का सरकार का लक्ष्य है। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को भी लाभ मिल रहा है। जिसमें 50% उनका आरक्षण है। इसलिए 12 इकाई महिलाओं के लिए है। इस योजना के तहत पशुपालक गिर, थारपारकर, साहिवाल, और हरियाणा नस्ल की गायों का पालन करेंगे। जिसमें कम से कम दो गायों का पालन करना होगा। जिसकी लागत का 40% अनुदान के रूप में सरकार की तरफ से दिया जाएगा। यहां पर ट्रांसिट बीमा, 3 साल का पशु बीमा और चारा काटने की मशीन भी मिलेगी। इसमें आर्थिक मदद की बात करें तो ₹80000 की सब्सिडी। इसके अलावा अन्य सुविधा दी जाएंगी। यहां पर दो गायों के साथ पशु पालकों को 3 साल तक पशुपालन करने के लिए शपथ ग्रहण करना होगा। उन्हें शपथ पत्र जमा करना होगा।
- इसके अलावा दूसरी योजना है नंदिनी कृषक समृद्धि मिनी योजना। यह भी एक लाभकारी योजना है। इसके अंतर्गत पशुपालकों को 10 स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों का पालन करना होगा। यह गाय उन्हें प्रदेश के बाहर से ही खरीदनी होगी। इस योजना के अंतर्गत पशुपालकों को 11 लाख 80 हजार रुपए तक का अनुदान मिलेगा। क्योंकि इसमें इकाई लागत 23 लाख रुपए तक की आएगी। इसमें सरकार ने जिले में चार इकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। जिसमें गायों के नस्ल की बात करें तो साहिवाल, गिर, थारपारकर जैसी देसी नस्ल की गायों का ही पालन करना होगा। 10 गाय का यह फॉर्म होगा। जिसके लिए 0.2 एकड़ की जमीन चारा के लिए होनी चाहिए। जिसमें चारा के लिए अलग से 0.8 एकड़ की जमीन होनी चाहिए। यहां पर पशुपालकों को लागत का 35% यानी की 8.6 लाख रुपए बैंक से मिलेगा और लाभार्थी की तरफ से 15% यानी की 3.4 लाख रुपए खर्च करने होंगे।
- मुख्यमंत्री पशु पालक प्रोत्साहन योजना भी लाभकारी योजना है। जिसके अंतर्गत ₹15000 तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसमें किसानों को थारपारकर, साहिवाल, हरियाणा, गिर, देसी नस्ल की गायों का पालन करना होगा।
लाभ लेने के लिए यहाँ करें सम्पर्क
इस तरह यहां पर पशुपालकों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई है। जिसमें मुख्यमंत्री पशुपालक प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए उन्हें 30 नवंबर से पहले आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए वह मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय एवं पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। अपने जिला स्तरीय समिति में उनका चयन होने के बाद लाभ मिलेगा। अधिक जानकारी के लिए पशुपालक नोडल अधिकारी एवं उपमुख्यमंत्री पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। इन योजनाओं के बारे में पशुपालकों को ऑनलाइन भी जानकारी मिल जाएगी।