पशुओं में खुरपका मुंहपका जैसे खतरनाक रोग होते हैं। लेकिन अब पशुपालकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, पशु औषधि योजना पशुओं के लिए बहुत ही ज्यादा लाभकारी साबित होगी-
पशुओं में रोग-बीमारी
पशुपालन कमाई का एक अच्छा विकल्प है। लेकिन अगर पशु का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है, किसी कारण से उनकी मृत्यु हो जाती है तो पशुपालकों को बड़ा जान-माल का नुकसान हो जाता है। जिससे कि पशु पालक आर्थिक बोझ तले भी दब जाते हैं। लेकिन अब केंद्रीय कैबिनेट बैठक में पशुपालकों के लिए करीब 3,8,80 करोड रुपए खर्च करने का फैसला लिया गया है।
जिसमें यह राशि पशुओं के दो प्रमुख रोग खुरपका और मुंहपका के इलाज के लिए खर्च किए जाएंगे। जिससे पशुओं को यह रोग ना बीमार घेर पाए। तो चलिए आपको बताते हैं पशु स्वास्थ्य और रोगों के इलाज के लिए केंद्रीय कैबिनेट द्वारा बुधवार को क्या फैसला लिया गया है।
पशु औषधि योजना
पशुओं को बढ़िया दवाई मिले इसके लिए कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया कि पशु औषधि योजना चलाई जाएगी। इस योजना के अंतर्गत बढ़िया क्वालिटी वाली जेनेरिक दवाएं पशुओं को मिलेंगे। जिससे पशुओं का इलाज अच्छे से होगा। जिस तरह इंसानों के लिए जन औषधि परियोजना चलाई जा रही है। इस तरह पशुओं के लिए भी पशु औषधि स्कीम आ गई है।
पशु औषधि पीएम किसान समृद्धि केंद्र और सहकारी समितियां के द्वारा चलेगी इस तरह एथनो वेटरनरी दवाई पशुपालकों को मिलेंगी। जिससे पशुओं की सेहत में बढ़िया सुधार देखा जाएगा।
Cabinet approves Revision of Livestock Health and Disease Control Programme (LHDCP) with a total outlay of ₹ 3,880 crore
— PIB India (@PIB_India) March 5, 2025
The programme aims to improve the livestock health by preventing it from four major diseases. Special thrust will be on vaccination
– Union Minister… pic.twitter.com/cWMugur7VO
समय पर होगा टीकाकरण
पशुओं का टीकाकरण अगर समय पर हो जाए तो उन्हें विभिन्न तरह की रोग बीमारी से बचाया जा सकता है। उनके स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है। इसीलिए सरकार ने यह फैसला लिया है कि अब मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई मतलब की मोबाइल वेटरनरी वैन की सुविधा को बढ़ावा दिया जाएगा।
पशुपालकों के घर में जाकर टीका लगाया जाएगा। ताकि कोई भी पशु इस सुविधा से छूट न पाए। इस योजना का लाभ बेहतर तरीके से पशुपालकों को मिल रहा है या नहीं इसके लिए सरकारी मशीनरी के माध्यम से मॉनिटरिंग भी होगी। लाइव निगरानी भारत पशुधन पोर्टल पर होगा। जिससे पशुपालकों को बढ़िया से मोबाइल वेटरनरी बैन की सुविधा मिलेगी। किसी तरह की कोई चूक नहीं होगी।