जानें, क्या है डीएसआर मशीन और इससे कैसे की जाती है धान की बुवाई
Subsidy on DSR Method : रबी फसल की कटाई के बाद किसान खरीफ फसलों की खेती के काम में जुट जाएंगे। हमारे देश में खरीफ फसलों में सबसे अधिक धान की खेती (Paddy Cultivation) की जाती है। अभी भी अधिकांश किसान इसकी खेती परंपरागत तरीके से करते हैं जिसमें सबसे अधिक पानी खर्च होता है। लेकिन गिरते हुए जल स्तर के कारण आज धान की खेती करना किसानों के लिए काफी मुश्किल भरा होता जा रहा है। हालत यह हो रहे हैं कि कई किसान धान की खेती करने से परहेज करने लगे हैं। किसानों की इस समस्या को देखते हुए सरकार की ओर से धान की खेती में आधुनिक डीएसआर तकनीक (DSR Technique) के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है।
डीएसआर मशीन (DSR Machine) की खास बात यह है कि इस मशीन की सहायता से किसान खेत में बिना फसल अवशेष जलाए सीधे धान की बुवाई कर सकते हैं। ऐसा इसलिए कि यह मशीन बिना फसल अवशेष प्रबंधन के धान की बुवाई आसानी से कर देती है। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों को डीएसआर तकनीक से धान की बुवाई करने पर प्रति एकड़ 4,000 रुपए की सब्सिडी या अनुदान दिया जा रहा है। ऐसे में धान किसान कम लागत और पानी की बचत के साथ धान की बुवाई बड़ी आसानी से कर सकते हैं।
डीएसआर मशीन पर कितनी मिलेगी सब्सिडी
राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में धान की डीएसआर तकनीक से सीधी बुवाई करने वाले किसानों को प्रति एकड़ की दर से 4,000 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। एक किसान अधिकतम 5 एकड़ तक धान की बुवाई के लिए सब्सिडी (Subsidy) का लाभ ले सकता है। इतना ही नहीं राज्य सरकार की ओर से डीएसआर मशीन की खरीद पर भी किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। किसानों को डीएसआर मशीन खरीदने के लिए अधिकतम 40,000 रुपए की सब्सिडी दी जाती है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से समय–समय पर किसानों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। किसान योजना के तहत आवेदन करके डीएसआर मशीन की खरीद पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
डीएसआर मशीन को चलाने के लिए कितने एचपी के ट्रैक्टर की होती है आवश्यकता
डीएसआर मशीन (DSR Machine) को ट्रैक्टर (Tractor) से जोड़कर चलाया जाता है। इसे 35 से 40 एचपी के ट्रैक्टर (35 to 40 HP Tractors) से चलाया जा सकता है। लेकिन इसके बेहतर प्रदर्शन के लिए 50 एचपी का ट्रैक्टर ज्यादा अच्छा रहता है। यदि छोटे खेत में इसे चलाया जा रहा है तो आप इसे 35 से 40 एचपी के ट्रैक्टर से चला सकते हैं। लेकिन यदि आप बड़े खेत में इसे चलाना चाहते हैं तो इसके लिए 50 एचपी पावर का ट्रैक्टर आपको अच्छा रिजल्ट दे सकता है, क्योंकि 50 एचपी के ट्रैक्टर (50 HP Tractors) से इसे बड़ी कुशलता के साथ चलाया जा सकता है। डीएसआर मशीन को चलाने के लिए ट्रैक्टर की पीटीओ पावर (PTO power of tractor) भी काफी महत्वपूर्ण होती है, जो मशीन को घुमाने के लिए आवश्यक होती है। अधिकतर डीएसआर मशीन 0.3 से 0.4 हैक्टेयर प्रति घंटे की क्षमता वाली होती है। वहीं कुछ डीएसआर मशीन इससे भी अधिक क्षमता वाली हो सकती है। ऐसे में अधिक क्षमता वाली डीएसआर मशीन को चलाने के लिए अधिक एचपी और पीटीओ पावर वाला ट्रैक्टर होना चाहिए ताकि बिना किसी परेशानी के धान की सीधी बुवाई (Direct Sowing of Paddy) का काम किया जा सके। देश में बड़ी संख्या में किसान डीएसआर मशीन के लिए सोनालीका ट्रैक्टर (Sonalika Tractor) काे पसंद करते हैं।
किन किसानों को मिलेगा डीएसआर मशीन से धान की बुवाई पर सब्सिडी का लाभ
यदि आप हरियाणा के किसान हैं तो आपको डीएसआर मशीन से धान की सीधी बुवाई पर सब्सिडी या अनुदान का लाभ प्रदान किया जाएगा। क्योंकि हाल ही में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा है कि धान की सीधी बिजाई के लिए डीएसआर करने वाले किसानों के लिए राज्य सरकार 4000 रुपए प्रति एकड़ की दर से सब्सिडी दे रही है, जो देश में सबसे अधिक है। डीएसआर मशीन के लिए आवेदन हेतु किसानों को मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पर अपना पंजीकरण कराना जरूरी है।
डीएसआर मशीन से धान की बुवाई करने पर क्या होगा फायदा
यदि धान की परंपरागत तरीके से खेती की जाती है तो इसमें काफी ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है। एक अनुमान के मुताबिक पारंपरिक धान की खेती में प्रति किलोग्राम धान उत्पादन में करीब 3,000 से 4,000 लीटर पानी की खपत होती है। जबकि डीएसआर मशीन से पौधे की रोपाई करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें बिना पराली प्रबंधन के धान की सीधी बुवाई की जाती है। इससे धान की रोपाई में लगने वाली मेहनत बचती है और पानी की बचत होती है, जिससे खेती की लागत भी कम होती है।
डीएसआर मशीन से कैसे की जाती है धान की सीधी बुवाई
डीएसआर मशीन से धान की सीधी बुवाई से पहले खेत को लेजर लैंड लेवलर मशीन से समतल किया जाता है। इसके बाद डीएसआर मशीन से बीज और खाद की एक साथ बुवाई की जाती है। इसके लिए इस मशीन में बीज और खाद के लिए अलग–अलग पाइप होते हैं। यह मशीन खेत में पतली लाइन बनाती चलती है और अलग–अलग पाइप से बीज और खाद गिराते चलती हैं। यह मशीन बीज को 2 से 2.5 सेमी गहराई पर बोती है। डीएसआर मशीन से खेत में धान की सीधी बुवाई के लिए खेत में नमी होनी आवश्यक है। यदि खेत में नमी कम हो तो हल्की सिंचाई की जा सकती है। इस तरह किसान बहुत ही कम समय, मेहनत और कम पानी में धान की सीधी बुवाई कर सकते हैं।