होली पर फ्री के रंगों का करें इस्तेमाल, केमिकल वाले रंगों से न खराब करें चेहरा, जानिए कैसे बनाएं फूल, पत्ते और सब्जियों से जैविक रंग और बचाएं पैसे

होली पर रंगों पर पैसे नहीं बर्बाद करना चाहते हैं, और केमिकल वाले रंगों से चेहरे और शरीर को बचाना चाहते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं घर पर जैविक रंग कैसे बना सकते हैं-

केमिकल वाले रंगों के नुकसान

होली रंगों का त्यौहार है। जिसमें हर इंसान एक दूसरे व्यक्ति से मिलते समय रंग लगाता है और होली की बधाइयां देता है। जिसमें रंग का इस्तेमाल बहुत होता है। लेकिन बाजार में जो केमिकल वाले रंग मिलते हैं। वह त्वचा कोई नुकसान पहुंचाते हैं। साथ ही साथ पर्यावरण में प्रदूषण पर फैलता है। पेड़ पौधों को यह जहरीले रंग नुकसान पहुंचाते हैं। जानवरों पर भी यह बुरा प्रभाव डालते हैं। इस तरह मनुष्य, पर्यावरण और पशु सभी को यह केमिकल नुकसान पहुंचाते हैं।

त्वचा पर चकत्ते होना, जलन होना, इस तरह के दुष्प्रभाव इन रंगों से देखने को मिलते हैं। फिर इन रंगों पर पैसा बर्बाद करने की जरूरत नहीं रहती। अगर चाहे तो घर पर जैविक रंग तैयार कर सकते हैं। इन रंगों से पैसों की बचत भी हो जाएगी और घर पर रखी चीजों का इस्तेमाल भी हो जाएगा। अगर बागवानी करते होंगे तो यह चीज आसानी से उपलब्ध होगी। जिससे घर पर ऑर्गेनिक रंग तैयार किये जा सकते हैं।

ऑर्गेनिक रंग के फायदे

ऑर्गेनिक रंग घर पर बनाये जा सकते हैं। इन रंगों को बनाने के लिए फूल, सब्जी और पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। जो की चेहरे के लिए फायदेमंद होंगे। कुछ ऐसे फूल और सब्जियां हैं, जिनसे चेहरे पर ग्लो आ जाता है। फेस पैक की तरह लोग उनका इस्तेमाल करते हैं, तो उन चीजों से रंग बनाकर इस्तेमाल करेंगे तो फायदा ही होगा। नुकसान किसी तरह से नहीं होगा। तो चलिए जानते हैं इसे बनाने का तरीका।

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जैविक रंग कैसे बनाएं

जैविक रंग बनाने के लिए फूल, सब्जियां और पत्तियों की आवश्यकता होगी। तो चलिए आपको बताते हैं कौन सा रंग किस सब्जी, फूल या पत्ती से बनाया जाता है-

  • हरा रंग बनाने के लिए पालक की भाजी का इस्तेमाल कर सकते हैं। नीम के पत्ते और मेहंदी पाउडर से भी रंग बनाए जाते हैं। मेहंदी के द्वारा बना रंग तो तीन-चार दिन तक छूटने से रहा। पालक से सूखा और गीला दोनों रंग बनाया जा सकता है। पालक को उबालकर पानी को ठंडा करके गीला रंग बना सकते हैं और पालक को सुखाकर, पाउडर बनाकर सूखा रंग बनाया जा सकता है।
  • लाल-गुलाबी रंग बनाने के लिए गुलाब के फूल की पंखुड़ियां का इस्तेमाल कर सकते हैं। चुकंदर को पीसकर लाल रंग बना सकते हैं और उसे सुखाकर पाउडर भी बनाया जा सकता है। गुड़हल के फूल से भी लाल रंग बना सकते हैं।
  • नीला रंग बनाने के लिए सूखा नील के पत्ते ले सकते हैं। जकारांडा का फूल ले सकते हैं। नीला गुड़हल भी आता है। हल्का नीला रंग बनाने के लिए अपराजिता के फूलों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • पीले रंग के लिए तो हल्दी सबसे अच्छा विकल्प है। सूखे गेंदे के फूल भी पीले रंग के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। बेसन भी ले सकते हैं।
  • नारंगी रंग भी घर पर बनाया जा सकता है। अगर महंगा रंग लगाने का शौक है तो केसर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे सूखा केसर इस्तेमाल कर सकते है। लेकिन यह बहुत ज्यादा महंगा पड़ जाएगा। संतरे के छिलकों का भी इस्तेमाल रंग के रूप में किया जा सकता है। जंगल की लौ फूल का भी इस्तेमाल रंग बनाने में कर सकते हैं। गेंदा और पलाश के फूल भी नारंगी रंग बनाने में इस्तेमाल किये जा सकते हैं।

इस तरह फूलों से भी रंगों की होली खेली जा सकती है, और यह किसी तरह से नुकसानदायक भी नहीं होंगे। ना ही इन रंगों को लगवाने से कोई मना करेगा।

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