ये देसी घोल नीलगाय समेत कई जंगली जानवरों को खेत से कोसों दूर रखने के लिए बहुत लाभकारी साबित होती है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन सा घोल है।
खेतों से नीलगाय की होगी परमानेंट छुट्टी
Agriculture Tips-अक्सर किसान नीलगाय को लेकर काफी ज्यादा परेशान रहते है क्योकि नीलगाय समेत कई जंगली जानवर खेतों में घुस कर फसल को चट से साफ कर जाते है और पैरों तले कुचल देते है जिससे खेत में लगी पूरी फसल नष्ट हो जाती है इस परेशानी से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए आज हम आपको एक ऐसे घोल के बारे में बता रहे है जो न केवल नीलगाय और जंगली जानवरों को उलटे पैर भगाता है बल्कि फसल को कीट रोगों से भी सुरक्षित रखता है और पैदावार को कई गुना मात्रा में बढ़ाता है इस घोल को आप अपने घर में आसानी से तैयार कर सकते है तो चलिए विस्तार से जानते है कौन सा घोल है।

ये नीलगाय को भागने में दिखाएगा कमाल
नीलगाय और कई जंगली जानवरों को खेतों से कोसों दूर रखने के लिए हम आपको नील के पत्ते, कपूर और गोमूत्र से तैयार घोल के बारे में बता रहे है। कपूर और गोमूत्र की तेज गंध नीलगाय और कई जंगली जानवरों को खेत के आस-पास भी भटकने नहीं देती है। नील के पत्ते, कपूर और गोमूत्र का घोल फसल में कीटनाशक फ़र्टिलाइज़र का काम भी करता है और फसल की पैदावार को भी बढ़ाता है। इस घोल का इस्तेमाल खेतों में जंगली जानवरों को भगाने के लिए जरूर करना चाहिए।
कैसे करें उपयोग
फसल को नीलगाय और कई जंगली जानवरों से सुरक्षित रखने के लिए नील के पत्ते, कपूर और गोमूत्र से तैयार घोल का उपयोग बहुत असरदार और उपयोगी साबित होता है इनका उपयोग करने के लिए 10 से 12 लीटर पानी में नील के पत्तों का पेस्ट, एक किलो कपूर और 1 लीटर गोमूत्र को डालकर अच्छे से मिलाना है और 3 घंटे के लिए छोड़ देना है फिर 3 घंटे बाद इस मिश्रण को खेत के चारों और छिड़काव करना है ऐसा करने से इस घोल की तेज गंध नीलगाय और कई जंगली जानवरों को खेत के आस-पास भी भटकने देगी।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।