पुरानी की क्यों प्याज की ये नई किस्में लगाएं, मिलेगा 278 क्विंटल उत्पादन, 6 महीने तक भंडारण क्षमता, जानें नाम और खासियत

प्याज की खेती में किसानों को मुनाफा है तो चलिए आपको प्याज की कुछ नई किस्म बताते हैं जिनकी खेती में किसानों को बंपर मुनाफा होगा-

प्याज की खेती में कमाई

प्याज की खेती में किसानों को फायदा है, साल भर प्याज के डिमांड बनी रहती है प्याज का इस्तेमाल मसाले के तौर पर सलाद सब्जी और दवाइयां के लिए करते हैं। लेकिन प्याज की खेती में किसानों को फायदा तभी है जब प्याज बढ़िया गुणवत्ता वाली हो और लंबे समय तक इसका भंडारण कर सके। क्योंकि कीमत कभी ज्यादा तो कभी कम मिलती है तो चलिए आपको इस लेख में तीन प्याज की नई किस्म की जानकारी देंगे जिसे अच्छा उत्पादन में मिलता है। साथ ही साथ उन्हें लंबे समय तक स्टोर भी कर सकते हैं।

प्याज की नई किस्में

नीचे लिखे तीन बिंदुओं के अनुसार जानें प्याज की तीन बेहतरीन नई किस्मों की जानकरी-

  • DOGR-1203-DR किस्म– प्याज की खेती से किसान अधिक पैदावार लेना चाहिए है तो यह अच्छा विकल्प है। इस प्याज की किस्म को पुणे स्थित प्याज और लहसुन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित किया गया है। इसकी खेती अगर किसान भाई करेंगे तो एक हेक्टेयर 278 क्विंटल पैदावार ले सकते है। इस किस्म के प्याज का कंद लाल और आंडाकार दिखाई देता है। इस किस्म में किसानों को बोल्टर्स और डबल्स बीमारी की समस्या नहीं दिखाई देगी। रबी सीजन में लगाने के लिए इस किस्म का चयन करें। इस किस्म की खासियत है कि 6 महीने तक इसे स्टोर कर सकते है, खराब नहीं होगी। प्याज ये किस्म नासिक, जूनागढ़, राहुरी और पुणए क्षेत्र के किसान आसानी ऊगा सकते है बढ़िया उपज मिलेगी।

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  • DOGR-RGP-3 किस्म– प्याज की यह किस्म एक हेक्टेयर में 207 क्विंटल उपज देती है। इससे किसानों को कमाई अच्छी होती है, क्योकि बढ़िया कंद होते है। जी हाँ आपको बता दे कि इस किस्म के कंद लाल रंग और ग्लोब आकार के होते है। खरीफ सीजन में खेती करने के लिए इस किस्म का चयन करे। खरीफ सीजन में प्याज की बुवाई-रोपाई जून से जुलाई के बीच होती है। इस किस्म में डबल्स और बोल्टर्स की समस्या नहीं आएगी। इस किस्म को किसान भाई 3 महीने तक स्टोर कर सकते हैं। इस किस्म को आईसीएआर-डायरेक्टरेट ऑफ अनियन एंड गार्लिक रिसर्च राजगुरुनगर, पुणे महाराष्ट्र द्वारा विकसित किया गया है। इसकी खेती चिंपलिमा, जबलपुर, रायपुर, अकोला और झालावाड़ के किसान लगा सकते है। उनके लिए अच्छा विकल्प है।
  • DOGR-1625 प्याज की किस्म– यह भी भी बढ़िया किस्म है। इससे किसानों को 217 क्विंटल एक हेक्टेयर में उत्पादन मिलता है। इसका रंग सुर्ख लाल और आकार ग्लोब के जैसे होते है। ग्राहक इसे आसानी से खरीद लेते है। इसमें भी किसानों को डबल्स और बोल्टर्स बीमारी की समस्या नहीं देखने को मिलेगी। जिससे लागत अधिक नहीं आएगी। किसान भाई खरीफ सीजन में खेती करने के लिए इस किस्म का चयन करें। इस किस्म को आईसीएआर-प्याज और लहसुन रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे द्वारा बनाया गया है। वह किसान जो जबलपुर, रायपुर, अकोला, चिंपलिमा और झालावाड़ में रहते है इसे लगा सकते है। उन्हें अच्छा उत्पादन मिलेगा।

नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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