इस लेख में किसानों को बताया जाएगा कि कौन सी कंपनियां नकली खाद बेंच रही हैं, ताकि वे भविष्य में किसान सावधान रहें।
उत्पादन बढ़ाने के लिए खाद का इस्तेमाल
लंबे समय से किसान उत्पादन बढ़ाने के लिए खाद खरीदकर उसका इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन कुछ कंपनियां ऐसी भी हैं जो किसानों को मुर्ख बनाकर उनसे पैसे ऐंठ रही थीं, अच्छी खाद के नाम पर नकली खाद बेंच रही थीं, जिससे किसान को कोई फायदा नहीं बल्कि नुकसान हो रहा था। किसान इन खाद पर पैसा बर्बाद कर रहे थे, क्योंकि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन अब समय आ गया है जब नकली खाद बनाने वाली कंपनियों का पर्दाफाश होगा।
आपको बता दें कि राजस्थान में नकली खाद बनाने के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 14 कंपनियां पकड़ी गई हैं और 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें कुछ अधिकारी भी शामिल थे। दरअसल, कृषि विभाग की कुछ टीमों ने इसका निरीक्षण किया था, लेकिन हो सकता है कि उनकी मिलीभगत रही हो, जिसके चलते इन कंपनियों को कोई पकड़ा नहीं गया। तो चलिए आपको बताते हैं कि कौन सी कंपनी नकली खाद बनाकर बेंच रही थी।

नकली खाद बनाने वाली कंपनियों के नाम
कई ऐसी कंपनियां हैं जो किसानों को अच्छी खाद बेंच रही हैं, जिसका फायदा किसानों को हो रहा है, लेकिन कुछ ऐसी कंपनियां भी हैं जो सिर्फ पैसा कमा रही हैं और किसानों का नुकसान नहीं देख रही हैं, जिसमें आपको बता दें कि राजस्थान में कई ऐसी कंपनियों की जानकारी मिली है जो नकली खाद बना रही थीं और उनके शटर डाउन हो गए हैं।
इन कंपनियों के नाम मंगलदीप बायो फर्टिलाइजर एंड कैमिकल, ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टम इंडिया, अराघव एग्रो इंडस्ट्री श्री गोवर्धन एग्रो, दिव्या एग्रो फूड इंडस्ट्री, श्री एग्रो, राधिका बायो फर्टिलाइजर प्राइवेट लिमिटेड, ग्रीन एग्रो इंडस्ट्री, सत्वम एग्रो, अरावली फर्टिलाइजर, तिशय बायोटेक इंडस्ट्री इंडिया कंपनी हैं।
बताया जा रहा है कि कंपनी 5 से 10 साल पुरानी है, तब से किसानों को घटिया किस्म की खाद बेचकर अच्छे पैसे ऐंठ रही है, लेकिन अब सरकार इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी और चार महीने के अंदर इन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।
कई राज्यों में फैला है काला कारोबार
नकली खाद बनाने का यह काला कारोबार कई राज्यों में फैला हुआ है, यानी राजस्थान के ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के किसानों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। बताया जा रहा है कि करीब 34 खाद बनाने वाली कंपनियां नकली खाद बना रही थीं। ज्यादातर कंपनियां दिल्ली और तमिलनाडु की हैं, इन्हें वहां से लाइसेंस मिला हुआ है, लेकिन ये नकली खाद बना रही हैं।
कुछ कंपनियां जैविक खाद के नाम पर भी नकली खाद बेच रही हैं। बताया जा रहा है कि करीब 16 राज्यों में नकली खाद की सप्लाई हो रही थी, लेकिन अब तेजी से जांच की जा रही है। नकली खाद बनाने वाली कंपनियों के मालिक जल्द से जल्द सलाखों के पीछे होंगे।

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