3500 करोड़ होगी दुग्ध उत्पादकों की सालाना कमाई, पशुपालको की आमदनी बढ़ाने के लिए ग्राम पंचायत में खुलेंगे कलेक्शन सेंटर

मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों की आमदनी को बढ़ाने के लिए बड़ी घोषणा की है, चलिए अब जानते हैं दुग्ध उत्पादक पहले से अधिक कमाई कैसे कर पाएंगे-

सभी गांव में होंगे कलेक्शन सेंटर

दूध कलेक्शन सेंटर वह होते हैं जहां पर पशुपालक दूध एकत्र करके बेंचते हैं। इससे दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलता है। किसानों की आय में वृद्धि होती है। दूध की बढ़िया कीमत भी मिलती है। यही सब देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने भी बढ़िया निर्णय लिया है। जिसमें आपको बता दे की MP स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड एवं संबद्ध दुग्ध संघों और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच में 5 साल का अनुबंध किया गया है। इस अनुबंध के तहत हर एक गांव में कलेक्शन सेंटर बनेगा।

इसके बाद दुग्ध संघ के प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ेगी। साथ ही दुग्ध समितियां की संख्या भी अधिक होगी। इस तरह दूध उत्पादन में वृद्धि होगी। पशुपालकों की अधिक कमाई पहले से होगी। सरकार का यह कदम पशुपालकों की आय में वृद्धि करेगा।

सरकार द्वारा लिए गए संकल्प होंगे पूरे

पशुपालन सेक्टर में सरकार द्वारा विभिन्न योजनायें चलाई जाती है। प्रदेश की वर्तमान सरकार ने संकल्प पत्र 2023 में दूध उत्पादकों की आय को बढ़ाने को लेकर कई बड़े निर्णय लिए थे। जिसमें यह किया था कि दूध की खरीदी सुनिश्चित होगी। डेरी किसानों को दूध की अच्छी कीमत मिलेगी और यह संकल्प अब पूरे होंगे। जिसे पूरे करने के लिए सरकार प्रदेश के सभी गांव में डेरी सहकारी समिति एवं कलेक्शन सेंटर खोलेगी। जिससे दूध उत्पादक को मालामाल किया जा सकता है।

बताया जाता है कि श्वेत क्रांति मिशन के तहत 25 करोड रुपए निवेश होंगे। जिससे प्रदेश के सभी जिलों में सांची डेरी में मिल्क कूलर, मिनी डेरी प्लांट और चिलिंग सेंटर भी बढ़ जाएंगे। इनकी संख्या बढ़ने से दूध की गुणवत्ता होगी बेहतर। दूध से बने अन्य उत्पाद भी मिलेंगे। इससे पशुपालकों की आमदनी में सही तरीके से इजाफा होगा। कमाई के और भी विकल्प मिलेंगे।

मध्य प्रदेश

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3500 करोड रुपए होगी सालाना कमाई

इन सभी निर्णयों के पीछे मध्य प्रदेश सरकार का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देना पशुपालको की आय में बढ़ोत्तरी करना है। सरकार के इस निर्णय के बाद दूध उत्पादकों की कमाई में दो गुना बढ़ोतरी होगी। जिसमें आपको बता दे कि अभी मध्य प्रदेश में दूध उत्पादकों की सालाना 1700 करोड रुपए के करीब है जो आगे चलकर 3500 करोड रुपए सरकार कर सकती है, यह सरकार का लक्ष्य है। जिस पर काम भी शुरू हो रहा है।

आपको बता दे की रोजाना अभी 1.3 लाख दूध की खरीदी की जाती है जो आगे चलकर 3.7 लाख लीटर हो जाएगी। इसके अलावा 18 लाख लीटर डेयरी प्लांट से रोजाना दूध का उत्पादन हो रहा है वह 30 लाख लीटर होगा। साथ ही साथ आपको बता दे की एनडीटीवी द्वारा दूध उत्पादक संस्थाओं के अंतर्गत अभी तक 1390 गांव कवर किए जाते हैं लेकिन आगे चलकर 2590 गांव को कवर किया जाएगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा पशुपालक इसका लाभ ले सकेंगे।

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