किसान खुद कर सकते हैं मिट्टी की जांच, PH टेस्ट बता देगा मिट्टी के गुण, जानिए कम खाद से अधिक उत्पादन कैसे ले किसान

किसान मिट्टी की जांच अब घर पर भी कर सकते हैं। इसके अलावा लैब की भी सुविधा उन्हें मिल रही है। मिट्टी की जांच करके किसान अधिक उत्पादन कम लागत में कैसे प्राप्त करें चलिए जानते हैं-

मिट्टी का PH मान

मिट्टी का PH मान जांच कर किसान खेत की मिट्टी में जरूरत के अनुसार खाद और पोषक तत्व देंगे। जिससे कम या ज्यादा मात्रा में मिट्टी में खाद नहीं डालनी पड़ेगी। पीएच मान चेक करके किसान मिट्टी में सही मात्रा में खाद देंगे, और उसका उपचार होगा। उपज भी अच्छी होगी। पीएच मान से पता लगता है की मिट्टी अम्लीय, छारीय या फिर उदासीन है। मिट्टी का पीएच मान यह निश्चित करता है कि पौधे का विकास कैसे होगा, और उत्पादन की कितनी प्राप्त होगी। पीएच मान जांच कर किसान अगर सही से खाद देंगे तो उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।

घर पर कैसे करें मिट्टी की जांच

  • किसान अगर मिट्टी की जांच करना चाहते हैं तो घर पर पीएच चेक करने के दो तरीके हैं। जिसमें पहले तरीके में एक कप मिट्टी में आसुत जल मिलाना है और आधा कप सिरका। फिर उसे धीमी गति से हिलाना है, और उसको गौर से देखना है कि उसमें बुलबुला या किसी प्रकार का झाग निकल रहा है। अगर ऐसा होता है तो समझ जाइए की मिट्टी छारीय है, लेकिन मिट्टी में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं नजर आ रहा है, तो वह मिट्टी छारीय है या फिर अम्लीय। इस तरह बुलबुला या झाग मिट्टी में है तो वह छारीय है, यह लक्षण बताता है। जिसे आसानी से पहचान सकते हैं। लेकिन इसके लिए उनके पास यह सारी चीजे होनी चाहिए।
  • दूसरे तरीके की बात करें तो इसमें मिट्टी की जांच करने के लिए लिटमस पेपर और डिस्टिल्ड पानी की जरूरत होगी। जिसमें मिट्टी लेना है, और इसमें डिस्टिल्ड पानी मिलाना है। इसके बाद लिटमस पेपर पर रखना है। पेपर का रंग बदलता है तो उसको पीएच स्केल से मिलाया जाता है, और पीएच मान का पता चलता है। लेकिन अगर किसानों के पास यह सारी सुविधाएं नहीं है तो वह लैब पर मिट्टी की जांच कर सकते हैं। चलिए उसके बारे में बताते हैं।
PH टेस्ट

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लैब में PH टेस्ट

मिट्टी का पीएच मान जानने के लिए किसान लैब में जा सकते हैं। दरअसल, बहराइच में मिट्टी का पीएच मान लैब में जांचा जा रहा है। यह कृषि संबंधित लैब होते हैं। यहां पर मिट्टी की जांच करके बढ़िया जानकारी किसानों को दी जाती है। इससे मिट्टी की गुणवत्ता का पता चलता है। मिट्टी छारीय है या फिर अम्लीय उस हिसाब से किसानों को मिट्टी को पोषक तत्व खाद आदि देना चाहिए। जिससे अगर मिट्टी को ज्यादा खाद की जरूरत नहीं है तो किसान कम खाद देंगे तो भी अच्छा उत्पादन मिलेगा।

यहां पर किसानों को अपने खेत की मिट्टी सैंपल के लिए लेकर जाना होता है, और आधार कार्ड। फिर कृषि वैज्ञानिक मिट्टी की जांच करके उन्हें रिपोर्ट दे देंगे। मिट्टी जैसी होगी उस हिसाब से किसान उसका उपचार करके उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। कृषि विशेषज्ञ का कहना है की मिट्टी का अगर किसान उपचार नहीं करते हैं तो उन्हें उत्पादन कम मिलता है। अगर किसानों के साथ ऐसी समस्याएं आ रही है तो मिट्टी की जांच करना आवश्यक है। किसान अगर खेत में नई फसलों को लगाना चाहते हैं कुछ बागवानी, नगदी फसलों की खेती करना चाहते हैं तो मिट्टी की जांच पहले करवा ले।

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