इस लेख में आपको नींबू के पौधे के देखभाल के बारे में जानकारी दी गई है, जिससे आप अधिक मात्रा में फल प्राप्त कर सकते हैं-
नींबू का पेड़
नींबू गर्मियों में बहुत ज्यादा डिमांड में रहता है, अच्छी खासी कीमत भी बढ़ जाती है। ऐसे में कुछ लोग अपने घर पर नींबू का पौधा तैयार करते हैं, ताकि वह घर पर जैविक तरीके से नींबू प्राप्त कर सके। तो अगर आपने भी अपने घर में नींबू का पौधा लगाया हुआ है, तो इस लेख में आपको बताने जा रहे हैं कि अगर नींबू के फूल गिर रहे हैं, फल ज्यादा नहीं बन रहे हैं, या कई सालों से पौधे में फूल ही नहीं आया है, तो उसके लिए क्या करना चाहिए। अगर आप नींबू लगाने जा रहे हैं तो बालाजी वैरायटी, जम्मू वैरायटी लगा सकते हैं।
नींबू के लिए गमला
अगर आपने गमले में नींबू का पौधा लगाया हुआ है तो आपको बता दे कि जब पौधा छोटा रहता है तो उसे छोटे गमले में लगाना चाहिए। मान लीजिए कि दो से तीन फीट का पौधा है तो उसे आपको 12 इंच के गमले में लगाना चाहिए, और हर साल गमला बड़ा लेते जाना चाहिए, बदलना चाहिए।

नींबू की रिपोर्टिंग और प्रूनिंग
नींबू की साल में एक बार रिपोर्टिंग करना चाहिए, यानी कि गमले को बदल देना चाहिए, मिट्टी को बदल देना चाहिए। इसके अलावा प्रूनिंग भी करना चाहिए। साल में दो बार प्रूनिंग का समय होता है ,फरवरी से मार्च और बरसात के समय कर सकते हैं। इससे पौधा घना होता है, नई शाखाएं आती है फल भी ज्यादा आता है।
साल में दो बार डालें खाद
नींबू के पौधे में साल में दो बार आपको गोबर की खाद वर्मी कंपोस्ट खाद और सरसों की खली देना चाहिए। इससे पौधे को पोषण मिलता है। पौधे का विकास अच्छा होता है। जब भी आप पौधे की प्रूनिंग करते हैं, या रिपोर्टिंग करते हैं तो उस समय आपको डालना चाहिए खाद। नींबू के लिए बकरी का गोबर भी अच्छा होता है, पुराना खाद आप इस्तेमाल कर सकते हैं।
नींबू के लिए चमत्कारी घरेलू खाद
अब हम बात करते हैं नींबू के लिए उस चमत्कारी खाद की जो घर पर बना सकते हैं। इसे बनाने के लिए आपको एक मिट्टी का मटका लेना है, और उसमें 15 दिन पुराना एक गिलास के करीब छाछ यानी की मट्ठा डालना है और फिर उसमें तीन केले के छिलके को छोटा टुकड़ों में काटकर डाल देना है, और 1 लीटर चाय पत्ती का पानी डालना है, 50 ग्राम गुड़ डालना है और फिर अंत में सूती कपड़ा से मटके को ढक कर बांध देना है। फिर 15 दिन के लिए आपको इस रखना है।
उसके बाद इसमें छान कर दो लीटर साफ पानी में मिलाकर पौधे की मिट्टी में डालना है। लेकिन ध्यान रखें मिट्टी सूखी हुई होनी चाहिए। खरपतवार निकाल दे और अच्छे से गुड़ाई करके डालें।