Milk Production: बारिश के मौसम में गाय-भैंस देंगी ढेर सारा दूध, ऐसे करें चारे का बंदोबस्त 100% गारंटी के साथ काम करेगा ये रामबाण तरीका
Milk Production
भारत में किसानों को खेती-बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन में भी काफी ज्यादा रुचि होती है। लोग पशुपालन करते समय तरह-तरह के उपाय करते हैं जिनसे उनके पशुओं का दूध उत्पादन कैसे बढ़ाया जाए। यह सबसे बड़ी समस्या किसानों के सामने आ जाती है। वही बरसात के मौसम में पशुओं में दूध उत्पादन करने की क्षमता थोड़ी कम हो जाती है। इसका मुख्य कारण मौसम में अचानक बदलाव होना होता है।
इस मौसम में बदलाव के होने के कारण पशुओं में हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं जिससे कई प्रकार की बीमारियां या खतरा बढ़ता चला जाता है जिनमें प्रमुख रूप से पशुओं के संक्रमण पर जीव संक्रमण शामिल होते हैं। लेकिन आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए एक घरेलू तरीके के बारे में बताएंगे जिससे आप भी अपनी गाय भैंस के दूध उत्पादन को बढ़ा सकते हैं और ढेर सारा दूध प्राप्त कर सकते हैं आईये विस्तार से जानते हैं कैसे।
इस घरेलू तरीके से बढ़ेगा दूध उत्पादन
दोस्तों इस घरेलू तरीके को अपने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी है बस आपको उनके खानपान की देखभाल करनी है। पशुओं को कई किसान सिर्फ हरा चारा खिलाते हैं और इससे किसानों लगता है कि दूध उत्पादन बढ़ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता है। इसलिए हरे चारे या सुखे चारे के साथ मिनरल और कैल्शियम की भी मात्रा साथ देना आवश्यक होता है। इसके साथ प्रो पाउडर, मिल्क, बूस्टर, मिल्क जैन आदि पशुओं को चारे के साथ खिलाना अच्छा माना जाता है लिए आप जानते हैं कि आपको हरे चारे के साथ किन चारों को अपनी गाय भैंसों को खिलाना चाहिए।
हरे चारे की जगह इन चारों को बनाये पशुओं का आहार
आपको पशुओं को आहार खिलाने से पहले कम से कम 5 से 6 घंटे के लिए दाने को भिगो देना चाहिए ताकि पशुओं को आहार पचाने में कोई भी समस्या ना हो हरा चारा न खिलाए, बल्कि आप इसकी जगह नहीं नेपियर घास, अल्फा, बरसीम, लोबिया, मक्का की उन्नत किस्म का चारा अपने गाय भैंस को खिला सकते हैं।
वही अच्छे फैट वाले दूध के लिए पशु चेहरे में कैल्शियम, मिनरल प्रोटीन, वसा, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट भी देते रहना आवश्यक होगा। पशुओं को खाने में सरसों या मूंगफली की खली भी आप दे सकते हैं। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और इससे वह ढेर सारा दूध देने के लिए तैयार हो जाते हैं, और उनके दूध देने की शमता बढ़ जाती है।