सोयाबीन की ये किस्म उच्च गुणवत्ता वाली रोग प्रतिरोधक किस्म है इसमें प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है। तो आइये जानते है कौन सी किस्म है।
सोयाबीन ये किस्म किसानों को बना देगी धनवान
सोयाबीन की ये किस्म किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है। इसकी डिमांड बाजार में बहुत अधिक होती है इसकी खासियत ये है की ये किस्म पीला मोज़ेक वायरस, फली छेदक और तना मक्खी जैसे रोगों के प्रति सहनशील है जिससे किसानों को उपज की हानि कम होती है। इसके दाने सोने जैसी चमक के साथ माध्यम मोटे होते है। हम बात कर रहे है सोयाबीन की JS 335 किस्म की खेती की ये सोयाबीन की एक प्रसिद्ध और उच्च उपज वाली किस्म है। इसकी खेती किसानों को जरूर करनी चाहिए।

सोयाबीन की JS 335 किस्म
सोयाबीन की JS 335 किस्म की खेती किसानों के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक होती है इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। इसकी बुआई से पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए ताकि मिट्टी में वायु संचार अच्छा होता है मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए। बुवाई के लिए प्रति एकड़ 30-35 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई से पहले बीजों को उपचारित करना चाहिए जिससे बेहतर उत्पादन प्राप्त होता है। बुआई के बाद सोयाबीन की JS 335 किस्म की फसल करीब 95-100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
कितना होगा उत्पादन
सोयाबीन की JS 335 किस्म की खेती करने से बहुत ज्यादा उत्पादन देखने को मिलता है ये किस्म बाजार में बहुत ज्यादा डिमांडिंग होती है एक एकड़ में सोयाबीन की JS 335 वैरायटी की खेती करने से लगभग 25-30 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है। आप इसकी खेती से लाखों रूपए की कमाई कर सकते है। सोयाबीन की JS 335 वैरायटी किसानों के बीच काफी लोकप्रिय होती है।