बाढ़ में डूबी फसल? ये 5 उपाय करके बने स्मार्ट किसान, और इन सरकारी योजनाओं का फायदा उठायें, जानें खरीफ फसलों की बाढ़ से सुरक्षा के उपाय

On: Thursday, September 11, 2025 5:00 PM
खरीफ फसलों की बाढ़ से सुरक्षा के उपाय

खरीफ सीजन में बाढ़ से फसल कैसे बचाएं आइये इसके बचाव के उपाय जानें, साथ ही सरकारी योजनाएं और किसानों की कमाई पर प्रभाव की पूरी जानकारी लें-

किसान और खरीफ फसल

भारत में खरीफ सीजन जून से अक्टूबर तक चलता है। इस दौरान मानसून के कारण पानी की उपलब्धता तो बढ़ती है लेकिन कई बार बाढ़ की समस्या भी खड़ी हो जाती है। बाढ़ आने से खेत डूब जाते हैं, फसल नष्ट हो जाती है और किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है। ऐसे में जरूरी है कि किसान सही उपाय अपनाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं ताकि नुकसान कम हो और आय सुरक्षित रहे।

खरीफ फसलों की बाढ़ से सुरक्षा के उपाय

धान, मक्का, सोयाबीन, कपास और मूंगफली जैसी खरीफ फसलें अधिकतर पानी पर निर्भर रहती हैं। जब बाढ़ आती है तो खेतों में पानी भरने से पौधे सड़ने लगते हैं। धान को छोड़कर बाकी फसलें अधिक समय तक पानी सहन नहीं कर पातीं। नतीजा यह होता है कि उत्पादन घट जाता है और किसान को घाटा उठाना पड़ता है। जिसके लिए आइये जानें क्या करना है-

  1. जल निकासी की व्यवस्था: खेतों में नालियां बनाना जरूरी है ताकि बारिश या बाढ़ का पानी जल्दी निकल सके।
  2. ऊंची मेड़ बनाना: खेत के चारों ओर मजबूत मेड़ बनाकर पानी का प्रवाह नियंत्रित किया जा सकता है।
  3. सही बीज का चयन: वैज्ञानिक और स्थानीय स्तर पर विकसित बाढ़ सहनशील किस्मों का प्रयोग करना चाहिए। उदाहरण के लिए कुछ धान की किस्में अधिक पानी में भी जीवित रहती हैं।
  4. फसल विविधिकरण: केवल एक ही फसल लगाने के बजाय मिश्रित खेती करें। इससे किसी एक फसल के खराब होने पर दूसरी फसल से नुकसान की भरपाई हो सकती है।
  5. बीमा कराना: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी योजनाओं से जुड़कर किसान बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।

सरकारी योजनाएं

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY): इस योजना के तहत किसान बहुत कम प्रीमियम पर अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं। नुकसान होने पर सरकार और बीमा कंपनी मुआवजा देती है।
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना: इसमें खेतों के लिए जल प्रबंधन और नाली निर्माण जैसे कार्यों को बढ़ावा दिया जाता है।
  • आपदा राहत कोष: बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार राहत राशि देती है जिससे किसान को तुरंत सहायता मिल सके।

कमाई पर असर

सामान्य परिस्थितियों में किसान खरीफ सीजन में प्रति एकड़ 50 हजार से 1 लाख रुपये तक की आमदनी कर सकते हैं, जो फसल पर निर्भर करती है। लेकिन बाढ़ की वजह से यह आय आधी या शून्य भी हो सकती है। यदि किसान बीमा कराए हुए हैं तो उन्हें 60 से 70 प्रतिशत तक नुकसान की भरपाई मिल सकती है। वहीं जो किसान जल निकासी और विविधिकरण जैसे उपाय अपनाते हैं, उनका घाटा कम होता है और उन्हें स्थिर आय बनी रहती है।

निष्कर्ष

खरीफ फसलें किसानों की मुख्य आय का आधार हैं लेकिन बाढ़ एक बड़ी चुनौती है। यदि किसान समय पर उपाय करें, बाढ़ सहनशील किस्में लगाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ लें तो नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। साथ ही बीमा और राहत योजनाओं से जुड़ना भी उतना ही जरूरी है। जागरूकता और तैयारी से किसान बाढ़ जैसी आपदा से बचकर अपनी फसल और कमाई दोनों सुरक्षित रख सकते हैं।

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