सरल उपाय अपनाकर किसान मिट्टी का कटाव रोक सकते हैं और पैदावार व आमदनी दोनों में सुधार ला सकते हैं। आइये जानें मिट्टी का कटाव रोकने के उपाय-
मिट्टी के कटाव को रोकने के उपाय की सम्पूर्ण जानकारी
खेती में मिट्टी को सोना कहा जाता है क्योंकि फसल की पैदावार उसी पर निर्भर करती है। यदि मिट्टी का स्वास्थ्य खराब हो जाए या वह बहकर नष्ट हो जाए तो उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है। बारिश, तेज हवा और गलत खेती के तरीकों से मिट्टी का कटाव होता है। यह समस्या खासकर ढलान वाले और खुले खेतों में ज्यादा देखने को मिलती है। मिट्टी का कटाव रुकने से खेत उपजाऊ बने रहते हैं और किसान लंबे समय तक अच्छी कमाई कर सकते हैं।
मिट्टी का कटाव क्यों होता है?
मिट्टी का कटाव मुख्य रूप से बारिश, बाढ़, तेज हवा और अधिक चराई के कारण होता है। जब खेत खाली छोड़ दिए जाते हैं या फसल की जड़ों को बचाने के लिए पौधे नहीं लगाए जाते, तो मिट्टी ढीली होकर बह जाती है। रासायनिक खाद और लगातार जुताई से भी मिट्टी की संरचना कमजोर होती है।
मिट्टी का कटाव रोकने के उपाय
- समोच्च खेती (कंटूर खेती)
ढलान वाले खेतों में कंटूर लाइन में जुताई करने से पानी का बहाव धीमा हो जाता है। इससे मिट्टी बहने से बचती है और नमी भी बनी रहती है।
- बंडिंग और मेड़बंदी
खेतों में मजबूत मेड़ बनाकर पानी को रोका जा सकता है। मेड़ों पर घास या पौधे लगाने से मिट्टी और भी मजबूती से टिकती है।
- वृक्षारोपण
पेड़ मिट्टी को पकड़कर रखते हैं और हवा से होने वाले कटाव को रोकते हैं। खेत की मेड़ों और खाली जमीन पर पेड़ लगाने से मिट्टी सुरक्षित रहती है।
- घास और कवर क्रॉप
खाली खेतों में कवर क्रॉप या घास उगाने से मिट्टी ढकी रहती है और बारिश का पानी सीधे मिट्टी को नहीं बहा पाता।
- सीढ़ीदार खेत (टैरसिंग)
पर्वतीय क्षेत्रों में सीढ़ीदार खेत बनाना मिट्टी के कटाव रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है। इससे पानी का बहाव रुकता है और उपजाऊ मिट्टी सुरक्षित रहती है।
- जैविक खाद का प्रयोग
खेत में गोबर की खाद, कंपोस्ट और हरी खाद डालने से मिट्टी की संरचना मजबूत होती है। इससे मिट्टी के कण आपस में जुड़कर बहने से बचते हैं।
मिट्टी का कटाव रोकने से कमाई
यदि किसान मिट्टी का कटाव रोकने के उपाय अपनाते हैं तो उनकी फसल की पैदावार 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, यदि गेहूं की पैदावार सामान्यतः 18 क्विंटल प्रति एकड़ होती है, तो मिट्टी सुरक्षित रहने पर यह 22 क्विंटल तक पहुंच सकती है। इसी तरह चना, सरसों और दालों में भी अधिक उत्पादन मिलता है।
मिट्टी का कटाव रुकने से खाद और पानी की जरूरत भी कम हो जाती है। इससे प्रति एकड़ 1500 से 2000 रुपये तक की बचत होती है। कुल मिलाकर मिट्टी का कटाव रोकने से किसान प्रति एकड़ 5000 से 7000 रुपये तक अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। लंबे समय तक जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बनी रहती है, जिससे स्थायी लाभ मिलता है।
निष्कर्ष
मिट्टी का कटाव रोकना किसानों के लिए उतना ही जरूरी है जितना फसल बोना। यदि जमीन ही सुरक्षित नहीं रहेगी तो खेती लंबे समय तक संभव नहीं होगी। कंटूर खेती, वृक्षारोपण, कवर क्रॉप और मेड़बंदी जैसे उपाय अपनाकर किसान अपनी जमीन और उपजाऊ मिट्टी को बचा सकते हैं। इससे फसल की पैदावार और किसानों की कमाई दोनों में वृद्धि होती है।

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको ‘काम की खबर’ दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद