बिहार की तरह अब मध्य प्रदेश में भी होगी मखाना की खेती, सरकार तालाबों और झीलों में मखाने की खेती करने के लिए किसानों को कर रही प्रोत्साहित। आइए जानते हैं पूरी खबर।
मध्य प्रदेश के 4 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट से होगी शुरुआत
मखाना के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने मखाना बोर्ड का गठन जब से किया हैं तब से सरकार का उदेश्य है कि बिहार के साथ अन्य राज्यों में भी मखाना की खेती को बढ़ावा मिले ताकि मखाने का उत्पादन बढ़े और किसानों को नई फसल की खेती के रोजगार के अवसर मिलें।

मध्य प्रदेश का वातावरण मखाना की खेती के लिए अनुकूल पाया गया जहां सरकार मखाने की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। मध्य प्रदेश के 4 जिलों में मखाने की खेती कराई जाएगी।। इस योजना की प्रथम चरण की शुरुआत के लिए इन चार जिलों को चुना गया है जिसमें आता है नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी। सरकार कुल 150 हेक्टेयर क्षेत्र में यह पायलट प्रोजेक्ट लागू कर रही है।
मखाने की खेती के लिए सरकार देगी प्रशिक्षण और 40 % सब्सिडी
सरकार मखाने की खेती के लिए विभाग के अधिकारी आकर तकनीकी प्रशिक्षण देंगे और मखाना के उत्पाद के लिए बाजार भी उपलब्ध कराएंगे। इस पूरी प्रक्रिया पर 45 लाख रूपए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है। मखाना किसानों को 75 हज़ार प्रति हेक्टेयर या लागत का 40 प्रतिशत अनुदान सरकार देगी। इस योजना के तहत अब तक 99 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है।
सरकार का इस योजना को शुरू करने का यह उद्देश्य है कि मखाना की खेती को बढ़ावा मिले और किसानों को एक नई फसल की खेती करने का मौका मिले, ऐसी फसल जो की कम पानी में और तालाबों में आसानी से हो जाए। इस फसल की खेती से किसानों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूती होंगी।
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