महाराष्ट्र के किसान श्रीराम वाघडे  बायोफोर्टिफाइड बाजरा ABV 04 की  खेती कर अपने उत्पादन और आमदनी दोनों बढ़ा रहे

On: Tuesday, October 7, 2025 12:57 PM
success story

आज हम बात करेंगे महाराष्ट्र के श्रीराम वाघडे जी की, जिन्होंने बाजरे की ABV 04 किस्म की खेती से अपने उत्पादन बढ़ाए और दूसरे किसानों को भी नई राह दिखाई।

कौन हैं श्रीराम वाघडे

श्रीराम वाघडे जी महाराष्ट्र के सतारा के रहने वाले हैं। वे एक सेवानिवृत्त सैनिक हैं। वे और उनके किसान समूह (FPO) के सदस्य बाजरे की खेती जैविक तरीके से कर रहे थे। टिकाऊ खेती होने के बावजूद उनके बाजरे की फसल का उत्पादन नहीं बढ़ रहा था। जिसके कारण आमदनी नहीं बढ़ रही थी, जिससे उन्हें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इस समस्या से निकलने के लिए उन्होंने सरकारी संस्थानों से मदद ली।

संस्थानों की मदद से मिली सफलता

बाजरे की खेती टिकाऊ ढंग से करने के बावजूद उनके फसल के उत्पादन में कोई असर नहीं पड़ रहा था। जिसके बाद उन्होंने सरकारी संस्थानों से मदद ली। जिसके बाद उन्हें ICAR-एनआईएएसएम बरामती, ICAR-भारतीय कुटीर अनाज अनुसंधान संस्थान (IIMR) हैदराबाद, ICAR-ATARI ज़ोन X हैदराबाद और ICAR-कृषि विज्ञान केंद्र बनवासी ने मिलकर मदद की। उन्होंने उन्हें बायोफोर्टिफाइड बाजरा (प्रजाति ABV 04) के बीज उपलब्ध कराए और इस किस्म की बाजरा की खेती करने की तकनीक सिखाई। जिसके बाद उन्होंने बायोफोर्टिफाइड बाजरा की खेती की शुरुआत की।

बायोफोर्टिफाइड बाजरा ABV 04 के क्या फायदे हैं ?

इस किस्म की बाजरे के बहुत से फायदे हैं। जैसे इसमें 70 पीपीएम आयरन और 63 पीपीएम जिंक होता है, जो दूसरे किस्मों के बाजरे से अधिक पाया जाता है। इसकी फसल केवल 86 दिनों में पक जाती है और 28.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक फसल का उत्पादन होता है जिसमे 58 क्विंटल प्रति हेक्टेयर चारा निकलता है। इस किस्म का बाजरा भारत के बहुत से राज्यों जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में उगाया जा सकता है। इसकी खेती किसानों के लिए बहुत लाभदायक साबित हो रही है।

उत्पादन बढ़ने से आमदनी बढ़ी

इस बायोफोर्टिफाइड बाजरा की खेती ने श्रीराम वाघडे के साथ सतारा के अन्य किसानों की जिंदगी बदल दी है। जितनी उम्मीद थी, उससे भी ज्यादा उत्पादन बढ़ गया है और पोषण में भी सुधार हुआ है। क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है, जिसकी वजह से अधिक से अधिक लोग इसे अपने खाने में शामिल कर रहे हैं। जैविक ढंग से उपजाने और इसके स्वास्थ्य लाभ के कारण यह बाजार में आसानी से बिक जाता है और किसानों को मुँह माँगा भाव मिल रहा है, जिससे उनकी आमदनी दोगुनी हो गई है।

इस सफलता को देखकर किसानों में विश्वास जगा है और अब बड़ी संख्या में किसान भाई इसकी खेती कर रहे हैं। बायोफोर्टिफाइड बाजरा की खेती पोषण, आमदनी और टिकाऊ खेती का एक बेहतर रास्ता है। जो बाजरा की खेती करने वाले किसानों के लिए नई उम्मीद है।

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