आज सफलता की कहानी में हम बात करेंगे महाराष्ट्र के किसान प्रकाश गुरव की, जिन्होंने शेवंती फूल की खेती से कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाया है। आइए उनकी पूरी कहानी जानते हैं।
किसान प्रकाश गुरव की सफलता की कहानी
प्रकाश गुरव महाराष्ट्र के सांगली जिले के कंडेगाँव में एक गांव है वांगी वहां के रहने वाले हैं। यहाँ के किसान मौसम को लेकर परेशान रहते हैं, क्योंकि यहाँ बारिश कम होती है। प्रकाश गुरव गन्ने की खेती कर रहे थे, पर गन्ने की फसल से उन्हें साल में एक बार ही आमदनी होती थी। इसलिए वे कोई ऐसी खेती करना चाहते थे जिससे उन्हें साल भर आमदनी होती रहे। जिसके बाद उन्होंने फूलों की खेती को चुन, जिससे वे साल भर मुनाफा कमा रहे हैं।
शेवंती फूलों की खेती कर रहे है
प्रकाश गुरव को शेवंती फूलों की खेती के विषय में उनके साले ने बताया। प्रकाश गुरव की सूखे मैदान में लगभग 2.5 एकड़ पथरीली जमीन है। सूखे वाले इस इलाके में ताकारी उपसा सिंचाई योजना के तहत पानी की पर्याप्त व्यवस्था रहती है। प्रकाश गुरव अपने इलाके के पहले किसान हैं जिन्होंने शेवंती या गुलदाउदी फूलों की खेती करने की ठानी।

उन्होंने इस फूल की बुवाई की शुरुआत श्रावण महीने में की, जिसकी वजह से उनकी फसल को बारिश का सामना करना पड़ा,पर उन्होंने इस बारिश से अपनी फसल को नुकसान से बचा लिया। प्रकाश जी ने अपने खेत में ऊंचे बेड और ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था की, जिसमें उन्होंने 15 हजार सफेद और पीले रंग के शेवंती फूलों के पौधे लगाए है। उनका परिवार उनकी फूलों की खेती में पूरा साथ देता है।
बस 3 महीनों में हुई फसल तैयार
सही देखभाल और व्यवस्था के कारण उनकी खेत 3 महीनों में तैयार हो गया। पूरा खेत फूलों से भर गया। उनके खेत से उन्हें 9 टन फूल हुए। शुरुआत में उनके फूल 70 रुपये प्रति किलो से बीके, जो की कुछ समय बाद में बढ़कर 100 रूपए प्रति किलो तक बिकने लगे।
उनके फूल उनके इलाके के अलावा मुंबई के बाजारों में भी बिकते हैं, क्योंकि वहां मांग ज्यादा है। वहां उन्हें औसतन 100 से 120 रुपये प्रति किलो तक फूलों के भाव मिल जाते हैं। कभी कभी डिमांड ज्यादा होने से भाव 200 तक हो जाती है। ये फूल बहुत नाजुक होते हैं, इसलिए इन्हें लगाने से लेकर तुड़ाई तक विशेष ध्यान देना होता है। इसी कारण से मजदूरों के साथ प्रकाश जी भी अपने फूलों की देखभाल में लगे रहते हैं। उनकी 5 महीने की मेहनत से अभी तक 6 लाख रुपये तक की आमदनी की है, जिससे वे काफी संतुष्ट हैं।
प्रकाश गुरव की सफलता एक साहसिक किसान के रूप में दूसरे किसानों के जीवन पर प्रभाव डालती है, क्योंकि सूखे इलाके में फूलों की खेती सफलतापूर्वक कर पाना आसान नहीं था। उन्होंने सही तकनीक और अपनी समझदारी से यह सफलता हासिल की है।
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