आज हम बात करेंगे महाराष्ट्र की रहने वाली श्रद्धा धवन की जिन्होंने 21 साल की उम्र में डेयरी फार्मिंग से 6 लाख महीने का कमा कर अपने परिवार को गरीबी से निकाला है।
श्रद्धा धवन का परिचय
श्रद्धा धवन महाराष्ट्र के अहमदनगर से 60 किमी दूर एक गांव है निघोज वहां की रहने वाली हैं। उनका परिवार बहुत सालों से डेयरी फार्मिंग कर रहा है। जिससे उनका घर चल तो रहा था, पर यह आमदनी बढ़ नहीं रही थी और खर्चे बढ़ते जा रहे थे। उनके पिता के पास 6 भैंसें हुआ करती थीं, पर घर के हालात खराब होने के कारण भैंसों को बेचना पड़ा। जिसके बाद उनके पास बस एक भैंस बच गई थी। श्रद्धा के पिता जी दिव्यांग है, पर उन्होंने इस हालत में भी बाइक पर दूध बेचकर दूर जगहों पर जाना पड़ता था। जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ रही थी, वैसे -वैसे वे काम करने में असमर्थ होते जा रहे थे। इन सब चीजों की वजह से उन्होंने अपनी बेटी को यह काम सौप दिया।
श्रद्धा ने 11 साल की उम्र में संभाला डेयरी फार्म
पिता की लचारी और भाई के छोटे होने के कारण श्रद्धा धवन ने अपने पिता का डेयरी फार्म संभालना शुरु कर दिया। उनकी उम्र उस समय केवल 11 साल थी। उनके गाँव की इकलौती लड़की थीं वो जिन्होंने इतनी कम उम्र में डेयरी फार्म संभाला होगा। शुरुआत में तो उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, पर उनके पिता का मार्केट में नाम होने से उन्हें बहुत सहयोग मिला।
श्रद्धा ने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। पढ़ाई को उन्होंने हमेशा प्रमुखता दी। डेयरी फार्म के साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई को भी बहुत अच्छे से निभाया। शुरुआत में उन्होंने बाइक पर लोगों को दूध पहुँचाना शुरु किया, जैसे उनके पिता करते थे। उन्होंने अपने फार्म पर खूब मेहनत की और धीरे -धीरे उनके फार्म की हालत सुधरने लगी और उनकी आर्थिक हालात सुधरने लगी।
धीरे-धीरे उनके भैंसों की संख्या बढ़ती गई। 2013 में उनके पास एक दर्जन से ज्यादा भैंसों हो गई थीं। जब वह दसवीं कक्षा में गई, उस दौरान श्रद्धा एक दिन में 150 लीटर दूध बेचती थीं। 2016 तक उनके पास 45 भैंसें हो गई थीं और आमदनी भी हर एक साल बढ़ती चली जा रही थी।
महीने का 6 लाख से ज्यादा कमा रही हैं
वह अपने फार्म में पशुओं का बहुत ख्याल रखती हैं। उनके खाने के लिए खेत में आर्गेनिक चारा उगवाती हैं, उनका नियमित चेकअप करवाती हैं और साफ-सफाई का खास ख्याल रखती हैं। अभी उनके फार्म में लगभग 80 भैंसें हैं। उनके रहने के लिए काफी बड़ा शेड बना रखा है।
दूध शुद्ध होने के कारण मार्केट में अच्छे भाव मिलते हैं और उनके बहुत सारे नियमित ग्राहक भी हैं। पैसे की अब कोई कमी नहीं है उन्होंने अच्छा घर भी बनवा लिया है। लगातार मेहनत और कठिन परिश्रम ने उनके परिवार के हालात बदल दिए हैं। अब वह महीने का 6 लाख से ज्यादा कमा रही हैं।
इतनी छोटी उम्र में पढ़ाई के साथ डेयरी फार्म चलाना और वो भी सफलता पूर्वक संभालना आसान काम नहीं है, पर उन्होंने कर दिखाया। और आज वह अपने गाँव में सबके लिए प्रेरणा बन गई हैं।
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