आज सफलता की कहानी में लेकर आए हैं मध्य प्रदेश के किसान कैलाश पवार की सफलता की कहानी जिन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती से अपना सालाना टर्नओवर किया 2.5 करोड़।
कैलाश पवार का परिचय
कैलाश पवार मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले हैं। वो अपने 16.99 एकड़ जमीन पर पारंपरिक फसलों की खेती कर रहे थे पर जैसा की हम जानते है कि पारंपरिक खेती में मेहनत और समय जितना लगता उतनी आमदनी नहीं होती है। कैलाश जी अपनी ज़मीन में नई फसल भी लगाना चाहते थे पर नगद और आधुनिक तकनीक के बिना ये सब कर पाना असंभव सा था। इस मुश्किल से निकलने के लिए कैलाश जी ने मध्य प्रदेश के कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया। आइए जानते हैं आगे की कहानी।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने आत्मा परियोजना से जोड़ा
कैलाश पावर को कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा आत्मा परियोजना के विषय में जानकारी मिली। उन्हें बताया गया की इस योजना के तहत सरकारी मदद के तहत तकनीकी मार्गदर्शन दि जाती है, जिससे किसान खेती से जुड़ी मुश्किलों पर काम करके उन मुश्किलों से निकल सकते हैं। इन सब बातों को जानने के बाद कैलाश जी ने इस परियोजना से जुड़ने का मन बना लिए।
आत्मा योजना से जुड़ने के बाद उन्हें प्रशिक्षण मिली जिसमें उन्हें आधुनिक इनोवेशन और वैज्ञानिक तरीके सिखाए गए। सिंचाई के लिए ड्रिप सिचाई,मल्चिंग और सही बीच और असली खाद का चुनाव कैसे करें ये सब सिखाया गया। उनकी पथरीली जमीन को उन्होंने उपजाऊ बनाया। इस प्रशिक्षण से उन्हें उनकी मुश्किलों से निजात मिली और उनकी ज़मीन पहले से कई ज्यादा उपजाऊ हो गई।
स्ट्रॉबेरी और सब्जियों की खेती से सालाना 2.5 करोड़ की आमदनी
कैलाश जी ने जो सीखा उसको अपनी खेती में प्रयोग करने लगे। उन्होंने अपने 6 एकड़ ज़मीन में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरु की जिसमें उन्होंने ड्रिप सिचाई और मल्चिंग तकनीक अपनाई। स्ट्रॉबेरी के उन्होंने कुल 1,30,000 पौधे लगाए जो 2 महीने और 10 दिन में तैयार हो गई। इसके अलावा उन्होंने सब्जियां जैसे टमाटर,शिमला मिर्ची,बैंगन और लहसुन की भी खेती की। कृषि अधिकारी हमेशा उनके खेत पर आकर उनके खेत का निरीक्षण किया और उन्हें अपना मार्दर्शन देते रहे, जिससे कैलाश जी को फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में बहुत अच्छे परिणाम मिले।

कैलाश जी की फसलों की सप्लाई जबलपुर,नागपुर,इंदौर और भोपाल तक जाती है। स्ट्रॉबेरी और सब्जियों की फसल से उन्हें सालाना 2 से 2.5 करोड़ रुपए तक की आमदनी हो जाती हैं जिसमें उनका शुद्ध मुनाफा 1 करोड़ तक हो जाता है। वो सरकार के बहुत शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने आत्मा जैसी परियोजना चलाई जिससे किसान के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव छोड़ा है। इस परियोजना से किसान आत्मनिर्भर बन रहे है और साथ ही अपनी आमदनी दोगुनी कर रहे हैं।
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