मध्य प्रदेश के किसान नाथूराम लोध अमरूद और एप्पल की खेती से कमा रहे हैं लाखों में

On: Thursday, October 30, 2025 9:28 PM

आज सफलता की कहानी में हम लेकर आए हैं मध्य प्रदेश के किसान नाथूराम लोध की कहानी, जिन्होंने अपने ढाई बीघा जमीन में फलों की खेती से लाखों रुपए का कर्ज उतारा हैं।

नाथूराम लोध का परिचय 

नाथूराम लोध मध्य प्रदेश के बमोरी के गांव अंबाराम चक्क के रहने वाले हैं। वे प्राकृतिक खेती करते हैं। उनके पास ज़मीन कम हैं, पर अपनी बुद्धिमता का प्रयोग करके खेती करते हैं, जिसकी वजह से उनकी आमदनी अच्छी हो रही है और वे दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बनकर उभरे हैं। आइए जानते हैं, वे कैसे खेती करते हैं।  

उद्यानिकी विभाग की मदद से प्राकृतिक खेती अपनाई  

खेती के लिए उन्होंने उद्यानिकी विभाग बमोरी के वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी से संपर्क किया। उन्होंने नाथूराम को सलाह दी कि वे अपने खेत में थाई पिंक किस्म के अमरूद और सेब की किस्म के बेर की खेती करने को बोला। उनकी सलाह को मानते हुए उन्होंने अपने ढाई बीघा जमीन में खेती की शुरुआत की। उनके खेत में पानी की बहुत दिक्कत थी पर उन्होंने हार नहीं मानी और पानी की समस्या का उन्होंने हल निकाल लिया।  

वे अपने खेत में कोई भी केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वे खुद से खाद बनाते हैं। उन्होंने दोनों फलों के बीच के खाली जगह का भी इस्तेमाल किया हैं। खाली जगह में उन्होंने  खीरा, करेला, टमाटर, बैंगन जैसी अंतरवर्ती फसलें लगते है। इस वजह से उनकी आमदनी दोगुनी हो गई है।  

वे अपने खेत में एकीकृत कृषि प्रणाली कर रहे हैं, जिसमें वे पशुपालन और कृषि दोनों करते हैं। पशुओं के गोबर और गोमूत्र से जैविक खाद तैयार होती हैं, जिसको वे अपने खेत में इस्तेमाल करते हैं और खेतों से मिलने वाला भूसा पशुओं का आहार बनता है। 

लाखों रूपए की सलाना टर्नओवर 

नाथूराम बाग के अमरूद 100 रूपए प्रति किलोग्राम और बेर 30 रुपय प्रति किलोग्राम तक बिकते हैं। पहले ही साल अपने बगीचे से 5 लाख रुपय तक की आमदनी हुई है, और आने वाले साल में आमदनी दोगुनी होने की संभावना हैं। उन्होंने फल की फसल के साथ अन्य फसल लगा कर सफलता पूर्वक खेती कर दूसरे किसानों को भी जागरूक किया हैं। 

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