आज हम बात करेंगे मध्य प्रदेश के खरगोन के रहने वाले किसान मोतीराम वर्मा जी की जिन्होंने आधुनिक खेती को अपनाकर खरबूज की खेती से सालाना 24 लाख तक कमा रहे हैं।
कौन हैं मोतीराम वर्मा
मोतीराम वर्मा मध्य प्रदेश के खरगोन के रहने वाले हैं। उन्होंने 8वीं तक की पढ़ाई की है। वो पहले पारंपरिक ढंग से खेती करते थे पर अब वे आधुनिक ढंग से खेती कर रहे हैं। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी।
पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक खेती अपनाई
उन्होंने पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक तरीके से खेती की शुरुआत की जिसमें वे ड्रिप सिंचाई, इनलाइन लिक्विड खाद का प्रयोग करते हैं। वे साल में 3 बार फसल लगाते हैं। उनके खेत में कपास, डॉलर चना लगते हैं, उसके बाद वे तरबूज-खरबूज लगाते हैं। तीसरी फसल में एक साल तरबूज तो अगले साल खरबूज लगाते हैं। जैविक खाद का उपयोग करते हैं। अच्छी देखरेख के चलते 3 महीने में फसल तैयार हो जाती है।
हालांकि कुछ मुश्किलें भी आईं जैसे मक्खियों का प्रकोप हुआ , पर कृषि अधिकारियों के मार्गदर्शन में फेरोमोन ट्रैप लगाकर इस समस्या का हल निकल गया।
सालाना 24 लाख का हो रहा मुनाफा
उनको प्रति एकड़ 20 हजार रुपए की लागत आती है। उनकी फसल 2 माह में तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ एक लाख का मुनाफा होता है, जिसके हिसाब से 8 एकड़ में 8 लाख की बचत होती है। साल में 3 बार फसल लगाते हैं जिससे तीनों बार में 24 लाख रुपए का सालाना मुनाफा हो रहा है। उनकी आमदनी बढ़ने से उनके जीवन स्तर में काफी सुधार आया है।
उनके खरबूज खरगोन के अलावा दूसरे शहरों में भी पहुंच रहे हैं, जैसे खंडवा, इंदौर, उज्जैन, रतलाम सहित उत्तर भारत के शहरों तक। वो अपने गांव के लोगों को इन फसलों को लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, वो भी आधुनिक तरीके अपनाकर।
उनकी सफलता की कहानी हर एक किसान के लिए प्रेरणा बन गई है, चाहे वे कम पढ़े-लिखे हों या ज्यादा। आधुनिक तकनीक और सही फसल चुनना खेती को एक नया रूप दे सकता है।
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