इलेक्ट्रॉनिक का बिजनेस छोड़ युवा ने अपनाई खेती, आज बेर की खेती से हो रही लाखों में धन-संपत्ति की बरसात। आज हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताने जा रहे हैं जो खेती से पहले इलेक्ट्रॉनिक्स का बिजनेस किया करते थे इतना ही नहीं इस युवक को खेती से बहुत ज्यादा लगाव होने की वजह से इन्होंने दुकान बंद कर दी और खेती करने का निर्णय लिया। आज के समय में ऐसे लोग बहुत कम मिलते हैं जो खेती करना चाहते हैं।
लोग आज के समय में लोग डॉक्टर, इंजीनियर और बिजनेसमैन बनने के सपने देखते हैं लेकिन इस किसान ने खेती का सपना देखा। हम जिस किसान के बारे में बात कर रहे हैं वह किसान रोहतास जिले के तिलौथू ब्लॉक के इंद्रपुरी पंचायत गांव के रहने वाले हैं। इनका नाम दिनेश कुमार सिंह है। आपको बता दे कि उनके पास लगभग साढ़े 3 बीघा जमीन है। जिसमें वह कई प्रकार की फसलों की खेती करते हैं।
खेती किसानी के लिए बंद की इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान
दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि वह पहले इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाते थे जो उनकी खुद की थी इस दुकान में लगभग 10 से 12 कर्मचारी कार्य भी किया करते थे। इस दुकान से उनको लाखों में मुनाफा होता था। आपको बता दे कि यह महीने का डेढ़ लाख रुपये आराम से कमा लेते थे। इन्होंने खेती में रुचि होने की वजह से साल 2006 में अपनी दुकान बंद कर दी।
इसके बाद कुछ नया करने की चाह में वह जब भीलवाड़ा में गए तो यह जीवन यापन के लिए इन्होंने चाय और नमकीन की दुकान शुरू की इसके लगभग चार ही महीने बाद वह पहले की तरह महीने के डेढ़ लाख रूपए कमाने लग गए। इसके बाद इन्होंने हरियाणा से हॉर्टिकल्चर और औषधीय खेती से जुड़ी कई जानकारियां इकट्ठी की इसके बारे में गहन अध्ययन किया और सारी जानकारियां मिलने के बाद में इन्होंने निश्चय किया कि वह खेती करेंगे। इसके बाद इन्होंने बेर की खेती शुरू कर दी।
खेती के लिए ली किराए की जमीन
किसान ने इसके बाद अपने गांव लौट आए। किसान ने गांव लौट के बाद में खेती करने के लिए किराए पर जमीन ले ली। किराए पर ली हुई जमीन लगभग साढ़े 3 बीघा थी इसके बाद इन्होंने बेर किस्मों के बेर जिसमें ऑस्ट्रेलियन रेड और ऑस्ट्रेलियन गोल्ड को चुना। इतना ही नहीं इन्होंने और भी कई प्रकार के बेरो की किस्म लगाई हुई है जिसमें ताइवान ग्रीन और मिस इंडिया के साथ कश्मीरी रेड भी शामिल है। उनके खेत में लगभग 850 बेर के पेड़ लगे हुए हैं।
बेर से कमाई
किसान दिनेश कुमार का कहना है कि इन्होंने प्रति बीघा लगभग 250 बेर के पेड़ लगाए हुए हैं। जिससे उनको केवल एक पेड़ से 50 किलो से लेकर एक क्विंटल तक बेर प्राप्त होते हैं। इनको बाजार में जाकर फल बेचने की जरूरत भी नहीं पड़ती है क्योंकि लोग खेत में ही आकर उनके बेर खरीद लेते हैं। आपको बता दे की प्रति किलो बेर 50 से ₹100 बिकते हैं जिससे इनको सालाना 20 लाख रुपए की कमाई हो जाती है। इस प्रकार किसान आज लाखों रुपए कमा रहा है।