टमाटर के कचरे से बन रहा जूता, बैग और जैकेट, इस स्टार्टअप कंपनी ने रचा इतिहास, अब सड़कों पर नहीं फेंकने पड़ेंगे टमाटर

टमाटर के कचरे से चमड़ा बनाया जा रहा है, जिससे बैग, जूता और जैकेट जैसे कई तरह के उत्पाद तैयार हो रहे हैं। यानी कि टमाटर का कचरा कमाई का एक अच्छा विकल्प बन गया है। चलिए जानते हैं, इस स्टार्टअप के बारे में-

टमाटर से चमड़ा

टमाटर की पैदावार जब अधिक हो जाती है, तो उसकी अच्छी कीमत नहीं मिलती। जिससे किसानों को लागत तक नहीं मिल पाती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि टमाटर का कचरा भी अच्छी कीमतों पर किसान बेच सकते हैं। जी हां आपको बता दे कि टमाटर के कचरे से चमड़ा बनाया जा रहा है। दरअसल एक स्टार्टअप कंपनी है जो की टमाटर के कचरे से चमड़ा बना रही है, और उस चमड़े से जैकेट, जूते और बैग तैयार किये जा रहे हैं। टमाटर के कचरे से बना चमड़ा, बायो-लेदर के नाम से जाना जाता है तो चलिए आपको इस स्टार्टअप कंपनी का परिचय देते हैं।

स्टार्टअप कंपनी का परिचय

टमाटर के कचरे से चमड़ा बनाने का यह अनोखा काम ‘द बायो कंपनी’ यानी कि TBC द्वारा किया जा रहा है। यह कमाल करने वाले कंपनी के संस्थापक और सीईओ प्रीतेश मिस्त्री है, जिनकी उम्र अभी 26 साल है। इस तरह किसानों को अब टमाटर सड़कों पर नहीं फेंकना पड़ेगा। आपको बता दे कि इस कंपनी को 2021 में PETA वेगन फैशन अवॉर्ड्स में, टेक्सटाइल में, बेस्ट इनोवेशन का अवार्ड भी मिल चुका है। इस तरह आप देख सकते हैं यह एक तरह का ऐसा स्टार्टअप है, जिससे किसानों की भारी मदद हो सकती है, और यह कमाई का एक अच्छा विकल्प है। जिसमें लागत कम आएगी, क्योंकि कच्चा माल सस्ता पड़ेगा। इको-फ्रेंडली लेदर की बढ़ती मांग से अच्छी कीमत भी मिलेगी।

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टमाटर से बायो-लेदर बनाने के फायदे

कई लोगों के मन में सवाल यह उठ रहा होगा कि आखिर टमाटर का ही चयन बायो-लेदर बनाने के लिए क्यों किया गया। जिसमें सबसे पहले आपको बता दे की बायो-लेदर उसे कहा जाता है जो कि प्लांट मटेरियल से बनाया जाता है। यानी कि प्लांट मटेरियल द्वारा तैयार किए गए चमड़े को बायो लेदर कहा जाता है और इस बायो लेदर को बनाने के लिए टमाटर का इस्तेमाल इसलिए किया गया क्योंकि टमाटर में पेक्टिन की मात्रा अच्छी खासी पाई जाती है। जिससे बायो लेदर की उम्र बढ़ती है।

इसके अलावा दूसरा अहम कारण यह भी है कि हर साल भारत में लगभग 4.40 अब टन टमाटर की पैदावार होती है, और उसमें से करीब 30-35% टमाटर किसान को फेंकना पड़ता है। जिससे भारी नुकसान होता है। लेकिन अब इस पहल से किसानों को फायदा हो सकता है। क्योंकि TBC कंपनी के द्वारा हर महीने 5000 मीटर बायो लेदर तैयार किया जा रहा है। जिसमें टमाटर को कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह इन्हें टमाटर के कचरे की बहुत ज्यादा आवश्यकता पड़ती है, और शाकाहारी चमड़ा की डिमांड भी बढ़ रही है।

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