धान काटने के बाद पराली जलाने की झंझट खत्म, ₹10 का यह जुगाड़ कचरा को बदल देगा खाद में, जाने पराली के 4 इस्तेमाल

On: Saturday, September 27, 2025 9:00 AM
पराली से खाद बनाने का ₹10 का जुगाड़ जाने

धन या अन्य कोई भी फसल काटने के बाद पराली को जलाने की जरूरत नहीं है चलिए आपको इसके इस्तेमाल और इससे खाद कैसे बनाएं इसके बारे में बताते हैं-

धान की कटाई के बाद पराली जलाने की समस्या

धान की कटाई का समय आ चुका है ऐसे में किसानों को यह भी चिंता सताती है कि अगर पराली जला दे तो सरकार को जुर्माना भी देना पड़ेगा और उसकी व्यवस्था क्या करें। तो आपको बता दे की पराली को जलाने से पर्यावरण में प्रदूषण फैलता है। इसीलिए सरकार इस पर रोक लगा रही है तो आप पराली को जलाने के बजाय उसका इस्तेमाल कर सकते हैं या उसकी खाद बनाकर मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हैं। जिससे आने वाली फसल में अधिक उत्पादन मिलेगा। तो चलिए पहले जानते हैं पराली का इस्तेमाल किस तरीके सेकर सकते हैं।

पराली के 4 इस्तेमाल

  • सबसे पहले तो हम पराली से खाद बनाने की सलाह देंगे इसके बारे में आगे हम जानने जा रहे हैं।
  • इसके अलावा पराली का इस्तेमाल मल्चिंग के तौर पर किया जा सकता है। जिससे खरपतवार नहीं होगी। अगर सब्जी फल आदि की खेती करते हैं तो उनके तनों के आसपास जमीन में पराली बिछा सकते हैं। जिससे खरपतवार नहीं उगेगी। मिट्टी में नमी बनी रहेगी।
  • पराली का इस्तेमाल पशुओं के लिए सूखा चारा के तौर पर भी कर सकते हैं या पशुओं के रहने के स्थान पर बिछाकर भी कर सकते हैं।
  • पराली का इस्तेमाल मशरूम की खेती करने वाले किसान कर सकते हैं या आप मशरूम की खेती करने वाले किसानों को पराली दे सकते हैं। इसके अलावा वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने वाले लोगों को भी परली की जरूरत होती है तो उनसे भी संपर्क कर सकते हैं।

पराली से खाद बनाने का ₹10 का जुगाड़ जाने

बेहद कम खर्चे में पराली से खाद बनाई जा सकती है। जिसके लिए आपको वह पराली लेनी है जिसमें 60% नमी हो या इतनी नमी बरकरार रखकर पराली से खाद बना सकते हैं। जिसके लिए क्या करना है कि पराली के ऊपर बायो डीकंपोजर को डालना है या फिर आप गोबर का घोल बनाकर भी डाल सकते हैं। जिससे कुछ ही दिनों के बाद खाद बन जाएगी। क्योंकि पराली बिल्कुल डीकंपोजर की वजह से गल जाती है और खाद का रूप ले लेती है। यह जैविक खाद के तौर पर खेत को उपजाऊ बनेगी।

इसके अलावा आप चाहे तो परली से मिट्टी को उपजाऊ करने के लिए रोटावेटर या मल्चर की मदद ले सकते हैं। जिससे पराली जमीन में छोटे टुकड़ों में मिट्टी मिल जाती है और धीरे-धीरे वह खाद बन जाती है इससे इंतजार नहीं करना पड़ता।

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