50 दिनों में तैयार होने वाली खेती से लखीमपुर के निवासी की बदली किस्मत, हरी सब्जी से ज्यादा मुनाफा, जानिए ये गजब का कमाल

लखीमपुर के निवासी 50 दिनों में तैयार होने वाली खेती से बदली किस्मत, हरी सब्जी से ज्यादा का मुनाफा, जानिए ये गजब कमाल, बरसात के दिनों सब्जी की फसल से लाखों की कमाई कर रहे हैं। बरसात में सब्जी की डिमांड अधिक होती है और पैदावार कम होती। जिस कारण से बाजारों में सब्जी के दाम अधिक होते हैं।इस खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। ।

50 दिनों में तैयार होने वाली खेती

लखीमपुर के निवासी किसान शिवम कुमार ने बताया, कि इस सब्जी की खेती करने से अच्छा मुनाफा होता है। कम दिनों में सब्जी की फसल तैयार हो जाती है। करीब 50 दिनों में तैयार हो जाती है इससे अच्छा मुनाफा मिलता है। सुखा हो या बरसात हम दोनों सीजन में इस फसल की खेती कर सकते हैं। कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। किसान शिवम भाई ने बताया कि यह करीब 10 वर्षों से अधिक समय में सब्जी की खेती करते आ रहे थे। परिवार के लोग भी सब्जी की खेती कर रहे थे। खरीफ सीजन के लिए लंबी अवधि वाली किस्म अच्छी होती है। बैगन, टमाटर, लौकी इन सब सब्जियों की खेती से भी अच्छा मुनाफा होता है।

50 दिनों में तैयार होने वाली खेती से लखीमपुर के निवासी की बदली किस्मत, हरी सब्जी से ज्यादा मुनाफा,

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किसान शिवम ने बताएं लोबिया फसल के बारे में

लोबिया की खेती फरवरी से मार्च व जून से जुलाई में की जाती है। इसमें पतली लंबी फलियां होती हैं। इन फलिया का प्रयोग कच्ची अवस्था में सब्जी के रूप में होती है, पकाने के बाद दाल के रूप में की जाती है। लोबिया हरी फली और सूखी बीज , चारे ,हरी घास के लिए पूरे भारत में उगाई जाती है। मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद करती है। इसकी खेती के लिए हरी खाद का प्रयोग किया जाता है। शिवम ने बताए की लोबिया खेती करने का समय चल रहा है। लोबिया की फलियों को बोडा चौरा की फलियों के नाम से भी जाना जाता है।

लोबिया की खेती

यह एक दलहनी पौधा है। यह फसल समतल भूमि में की जाती है बरसात के मौसम में फसल की बुवाई मेड़ों पर 15 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर पंक्तियों में कर सकते हैं। दाना, हरी फलियों के लिए लोबिया की बीजों की बुवाई पंक्ति से की जाती है। बीजों की बुवाई करते समय खेत के अनुसार ही लोबिया की खेती करें। लोबिया के दाने से बुवाई करते हैं। लोबिया की फलियों का रंग हल्का हरा होता है, मोटा गुदेदार होता है। जो की 20 से 22 सेंटीमीटर की होती है। उसमें 8 से 10 बीज पाई जाती है। तो 15 दिन के अंतराल मानसून आने की पहली सिंचाई करें फल की कटाई 50 से 65 दिनों के बाद फल की कटाई के लिए तैयार हो जाता है।

लोबिया की कौन सी किस्म की बुबाई करे

जानिए लोबिया की खेती के लिए कौन-कौन सी किस्म को बुवाई की जानी चाहिए

  • लोबिया 263
  • पूसा बरसाती
  • पूसा ऋतुराज
  • पंत लोबिया

लोबिया की कीमत

लोबिया एक नगदी सब्जी का व्यवसाय है। लोबिया बाजार में बहुत भारी मांग है। लोबिया की फलियां बाजार में काफी महंगे दामों पर बिका रही है। बाजार में लोबिया की फसल की कीमत 60 से 80 रुपए प्रति किलो बिकती है। कम खर्च के साथ तगड़ा मुनाफा भी हो रहा है।

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