कृषि यंत्र की मदद से किसान खेती कम लागत, मेहनत और समय में पूरा कर पा रहे है। तब चलिए हम जानते है देशभर के किसान खेती का कौन सा काम सबसे ज्यादा कृषि यंत्र से कर रहे है और SMAM योजना क्या है, जिससे मिल रही आर्थिक मदद-
कृषि यंत्रों का इस्तेमाल
खेती में पहले भी कृषि यंत्र का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन जैसे-जैसे देश का विकास हो रहा है नए-नए कृषि यंत्र खेती के काम को आसान कर रहे हैं। जब से किसी यंत्र का इस्तेमाल बढ़ गया है मानव श्रम पर निर्भरता भी कम होती जा रही है। इसके अलावा इससे किसान कमाई भी कर लेते हैं। अधिक उत्पादन भी मिलता है। समय पर काम भी हो जाता है। किसान खेत जोतने से लेकर बुवाई, सिंचाई और कटाई के साथ भंडारण आदि के लिए कृषि यंत्र का इस्तेमाल करते हैं। इसी लिए सरकार भी कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण बढ़ावा दे रही है।
जिसमें 4 फरवरी को देश में कृषि मशीनीकरण के स्तर के बारें लोकसभा में चर्चा हुई जिसमें कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री राम नाथ ठाकुर का कहना है कि वर्तमान में देश में औसत मशीनीकरण का स्तर 47% है। जिसमें 70% कृषि मशीनरी का इस्तेमाल खेती के लिए सीड-बेड तैयार करने में करते है।
जिसमें कम की बात करें तो किसान कृषि मशीनरी का इस्तेमाल फसलों की निराई और इंटर कल्चर के लिए करते हैं जो कुल मशीनीकरण का 32% माना जाता है। इस तरह यहां पर यह समझ आएगा जो किसान अभी तक इस क्षेत्र में कृषि यंत्र का इस्तेमाल नहीं कर रहे है तो कर सकते है उन्हें फायदा होगा।
छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह सुविधा
वह किसान जो कृषि यंत्र नहीं खरीद सकते है उनके लिए सरकार कृषि यंत्र का प्रबंध कर रही है। जिससे वह भी कम खर्चे में इनका इस्तेमाल कर सके। जिसमें आपको बता दे कि उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र बनाये जा रहे है। इससे छोटी भूमि जोत वाले किसानों को भी फायदा होगा। क्योकि वह महंगे कृषि यंत्र नहीं खरीद सकते है।
कृषि यंत्र पर सब्सिडी
वह किसान जो कृषि यंत्र खरीदना चाहते है तो सरकार उनकी आर्थिक मदद कर रही है। जिसमें कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कृषि मशीनीकरण उप-मिशन SMAM योजना चला रही है। जिसमें कृषि यंत्र खरीदने के लिए उन्हें अनुदान दिया जाता है। लेकिन किराये पर लेना चाहते है तो कस्टम हायरिंग केंद्र (CHC) और ग्राम स्तरीय कृषि मशीनरी बैंक (FMB) बनाये गए है। जिससे सभी किसान लाभ ले सकते है।