इन सब्जियों की बुआई का समय आ चूका है किसान इनकी खेती से चंद दिनों में जबरदस्त आमदनी कमा सकते है। ये फसल कमाई का जबरदस्त सौदा है।
लाल सोने के नाम से महशूर है ये सब्जियां
अक्टूबर का महीना रबी सीजन की फसलों की खेती के लिए बहु
त लाभदायक समय होता है इस महीने तापमान, नमी और मिट्टी की स्थिति खेती के लिए बेहद अनुकूल रहती है। जो फसलों के अंकुरण के लिए उत्तम है। बारिश के बाद मिट्टी में नमी बची रहती है जिससे सिंचाई की जरूरत कम पड़ती है आज हम आपको कुछ ऐसी सब्जियों की खेती के बारे में बता रहे है जो मार्केट में महंगी और खूब ज्यादा बिकती है ये सब्जियां अपने पोषक तत्व एवं लाजवाब स्वाद के लिए जानी जाती है। तो चलिए जानते है कौन सी फसलें है।
लाल मूली की खेती
अक्टूबर का महीना लाल मूली की खेती के लिए सबसे सर्वोत्तम माना जाता है। ये एक जल्दी तैयार होने वाली फसल है जो कम दिनों में ज्यादा मुनाफा दिलाने वाली साबित होती है। इसकी कीमत सामान्य मूली से ज्यादा होती है। इसकी खेती में लागत और मेहनत कम लगती है जिस कारण कम मेहनत और सिंचाई से लागत घटती है। लाल मूली की खेती के लिए उन्नत किस्म के बीजों से बुवाई करना चाहिए और बुवाई से पहले खेत की अच्छी तैयारी करना चाहिए जिससे फसल का उत्पादन शानदार होता है। लाल मूली की खेती हल्की दोमट और रेतीली दोमट मिट्टी में अच्छी होती है। इस मिट्टी का पानी निकास अच्छा होना चाहिए। एक हेक्टेयर में लाल मूली की खेती से 200–250 क्विंटल तक उत्पादन होता है

लागत-कमाई-मुनाफा
लाल मूली की खेती में लागत आपको कम से कम देखने को मिलेगी एक हेक्टेयर में लाल मूली की खेती करने के लिए लगभग 25,000–30,000 रूपए की लागत आती है अगर कमाई की बात की जाए तो 2.5 से 3 लाख रूपए प्रति हेक्टेयर की कमाई हो सकती है लागत हटा दें तो भी आप इसकी खेती से लाखों का मुनाफा आराम से कमा सकते है।
लाल साग की खेती
लाल साग जिसे चौलाई, लाल भाजी जैसे कई नाम से जाना जाता है इसकी खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसकी पत्तियां आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन A, विटामिन C से भरपूर होती हैं। इसका स्वाद बहुत अच्छा होता है इसकी खेती में ज्यादा खर्चा नहीं आता है और कमाई जबरदत्स होती है लाल साग की खेती के लिए दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी सबसे आदर्श होती है। मिट्टी में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए। इसकी खेती के लिए खेत की 2–3 बार जुताई करना चाहिए और मिट्टी को भुरभुरा बनाना चाहिए साथ ही मिट्टी में गोबर की खाद डालना चाहिए। इसकी खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 2–3 किग्रा बीज की जरूरत होती है। इसकी खेती में उचित मात्रा में उर्वरक का उपयोग करना चाहिए बुआई के बाद लाल साग की फसल प्रथम कटाई के लिए लगभग 25–30 दिन में तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर में लाल साग की खेती से करीब 120–150 क्विंटल की उपज मिलती है।

लागत-कमाई-मुनाफा
लाल साग की खेती में लागत कम होती है और मुनाफा बहुत ज्यादा होता है एक हेक्टेयर में लाल साग की खेती करने से लगभग 20,000–25,000 हजार रूपए की लागत आ सकती है। वही कमाई की बात करें तो लाल साग की खेती से 1 से 1,50,000 लाख रूपए की कमाई हो सकती है। लागत हटा दें तो भी आप इसकी खेती से लाखों का मुनाफा आराम से कमा सकते है।

नमस्ते दोस्तों, मैं नंदिनी । पिछले 2 साल से पत्रकारिता में काम कर रही हूं और अलग-अलग विषयों पर लिखना मुझे बहुत पसंद है। खासतौर पर खेती, बागवानी और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों में मेरी गहरी रुचि है। मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि आपको सच्ची और सही जानकारी दे सकूं, ताकि आप इन विषयों को अच्छे से समझ सकें। अगर आप भी इन जरूरी और दिलचस्प बातों को जानना चाहते हैं, तो जुड़े रहें https://khetitalks.com/ के साथ। धन्यवाद