गेंदा फूल के बारे में यह जानकारी आपको हैरान कर देगी। चलिए बताते हैं गेंदा फूल कैसे उगाएं और गेंदा फूल का इस्तेमाल।
गेंदा फूल कैसे उगाएं
गेंदा फूल अधिकतर लोगों को पसंद होता है। इसे लगाना भी बहुत आसान है। गेंदा फूल कई रंगों में आता है, लेकिन पीला और नारंगी रंग ज्यादा देखने को मिलता है। इसके छोटे और बड़े आकार के फूल आते हैं, जो छोटे से लेकर बड़े पौधों में खिलते हैं। इन्हें देखकर लोगों का मन खुशी से भर जाता है। गेंदे का फूल गमले में, बगीचे में और सीमाओं पर भी लगाया जा सकता है। तो चलिए नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार पहले जानते हैं इसे लगाना कैसे है, उसके बाद इसके बारे में अन्य जानकारी लेंगे।
- गेंदे का फूल लगाने के लिए सबसे पहले मिट्टी तैयार करनी होती है। गेंदे के लिए हल्की भुरभुरी मिट्टी अच्छी होती है, जिसमें नमी की मात्रा सही हो।
- मिट्टी में आप कोकोपीट और वर्मी कंपोस्ट मिला सकते हैं। इसके बाद इसमें बीज लगाएं।
- बीज को सामान्य तौर पर मिट्टी में फैला सकते हैं या आधा इंच गहराई तक दबा सकते हैं।
- ध्यान रहे कि बीज बहुत गहराई में न लगाएं।
- मिट्टी में हल्की नमी बनाए रखें।
- गेंदा लगाने के बाद बहुत ज्यादा पानी बिल्कुल नहीं देना चाहिए।
- कटिंग के साथ भी गेंदे का पौधा तैयार किया जा सकता है।
- बीज लगाने पर 4 से 10 दिन में अंकुरण हो जाता है।
- जब पौधा अंकुरित हो, तो उसे सिर्फ 4 से 5 घंटे की धूप ही दें, ज्यादा धूप से बचाएं।
- जब पौधे 4 से 6 इंच के हो जाएं, तो गमले या खेत में अच्छी निकासी वाली जगह लगाएं।
- बीच-बीच में कटिंग करते रहें, जिससे पौधा घना होगा।
- अगर कटिंग से गेंदा लगाना चाहते हैं, तो शुरुआत में उसे छांव वाली जगह रखें। जब नई पत्तियाँ आने लगें, तो उसे धूप में रखें। मिट्टी में नमी बनाए रखें।
गेंदा फूल का वैज्ञानिक नाम
गेंदा फूल का वैज्ञानिक नाम Tagetes/टैगेटेस है। गेंदा को Marigold के नाम से भी जाना जाता है। यह Asteraceae परिवार से जुड़ा हुआ है। इसमें अफ्रीकी गेंदा और फ्रेंच गेंदा दो मुख्य व्यावसायिक वैरायटी हैं। अफ्रीकी गेंदा के पौधे बड़े होते हैं और उनके फूल भी बड़े होते हैं। वहीं, फ्रेंच गेंदा के फूल पीले, नारंगी और लाल रंग के होते हैं। उनके पौधे छोटे और सघन दिखाई देते हैं।
गेंदे के फूल का मूल स्थान दक्षिण-पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका माना जाता है। यह पौधा मध्य मेक्सिको का मूल निवासी है। भारत के कई क्षेत्रों में गेंदा सालभर उगाया जाता है।
गेंदा फूल के फायदे
गेंदा फूल का इस्तेमाल पूजा-पाठ, सजावट और राजनीतिक कार्यक्रमों में माला बनाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा औषधीय रूप से भी गेंदा के फूल और पत्तियाँ उपयोगी हैं।
गेंदे के पौधे की पत्तियों और फूलों में सूजन-रोधी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। ये दर्द निवारक भी माने जाते हैं। कान और दांत के दर्द में इसकी पत्तियों का रस काम आता है। इसके अलावा बालों का झड़ना रोकने, पाचन संबंधी समस्या और बवासीर के लिए भी उपयोगी है। इस तरह गेंदे के फूल और पत्तियों से कई घरेलू नुस्खे तैयार किए जाते हैं।
गेंदा फूल का बीज कहां मिलता है
गेंदा फूल के बीज घर बैठे भी ऑनलाइन मंगाए जा सकते हैं। विभिन्न ई-कॉमर्स वेबसाइट जैसे अमेज़न, फ्लिपकार्ट और बिग हार्ट पर इसके बीज उपलब्ध हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) के स्टोर और ऊर्जा सीड्स पर भी गेंदे की कई वैरायटी के बीज मिलते हैं। कटिंग से लगाने के लिए दूसरे पौधे की कटिंग लेकर भी इसे तैयार किया जा सकता है।
गेंदा का पौधा कब लगाएं
गेंदा फूल सही समय पर लगाना जरूरी है। नहीं तो पौधा तो तैयार हो जाएगा, लेकिन उसमें फूल नहीं आएंगे। जिसमें आप गेंदा-
- वसंत ऋतु : फरवरी से मार्च
- बरसात : जून से जुलाई
- सर्दी : सितंबर से अक्टूबर में लगा सकते है।
यानी कि साल में तीन बार गेंदा आसानी से लगाया जा सकता है।
गेंदा का फूल कब खिलता है
गेंदा फूल लगाना आसान है। इसे जैविक खाद देने से इसकी ग्रोथ अच्छी होती है। बीच-बीच में कटिंग करने से पौधा घना और मजबूत बनता है। गेंदा फूल लगाने के लगभग 60 से 70 दिन बाद फूल आने लगते हैं। बीज अंकुरण में एक सप्ताह और फूल आने में लगभग 8 हफ्ते का समय लगता है। हालाँकि यह समय वैरायटी पर निर्भर करता है।
गेंदे की खेती में खर्च और कमाई
अगर बड़े स्तर पर गेंदा फूल की खेती करना चाहते हैं, तो यह आमदनी का अच्छा जरिया है। इसकी डिमांड पूजा-पाठ, घर की सजावट, राजनीतिक कार्यक्रम और शादी-विवाह में हमेशा बनी रहती है।
एक बीघा में गेंदा की खेती पर लगभग ₹10,000 से ₹15,000 का खर्च आता है। वहीं, एक फसल से किसान ₹1,00,000 तक का शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं। सही वैरायटी का बीज, समय पर बुवाई और खेत की सही तैयारी इसमें बहुत मदद करती है।
सफेद गेंदा फूल
सफेद गेंदा फूल, जिसे White Marigold कहते हैं, यह भी बेहद सुंदर लगता है। सजावट के लिए इसका खूब उपयोग किया जाता है। भारत में इसे आसानी से लगाया जा सकता है। इसके बीज ऑनलाइन वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं।

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको ‘काम की खबर’ दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद