किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके, इसके लिए राज्य सरकार ने कमाल का प्लान बनाया है। चलिए आपको बताते है क्या है किसानो की कुंडली-
किसानों की कुंडली
किसानो की आर्थिक मदद करने के लिए सरकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिसके लिए किसानों को आवेदन करना होता है। आवेदन की प्रक्रिया जटिल न हो इसके लिए भी सरकार प्रयास कर रही है। बता दे कि सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों को डिजिटल द्वारा सीधे उन तक पहुंच जाए इसके लिए काम किया जा रहा है। जिसमें कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एग्रीस्टेक-डिजिटल एग्रीकल्चर परियोजना की शुरुआत की है। 5 फरवरी से किसानों से सम्पर्क किया जाएगा। इस तरह राजस्थान के किसानों का आधार लिंक्ड रजिस्ट्री/फार्मर रजिस्ट्री तैयार करेंगे, चलिए जानते है इससे फायदा क्या है।
आधार लिंक्ड रजिस्ट्री/फार्मर रजिस्ट्री
किसानों की आधार लिंक्ड रजिस्ट्री तैयार की जायेगी। जिससे फायदा ये होगा कि योजनाओं का नियोजन सही तरीके से होगा। साथ ही लाभार्थियों का सत्यापन और कृषि उत्पादों के विपणन में सुविधा रहेगी काम आसान होगा। अगर यह आधार लिंक्ड रजिस्ट्री हो जाती है तो किसान भाइयों को किसान कल्याण योजनाओं का लाभ जल्दी से मिल पायेगा और नियमों में पारदर्शी रहेगी। जिससे किसानों की चिंता कम होगी। चलिए जानते है कैंप कबसे और कहाँ लगेंगे।
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कैंप कबसे और कहाँ लगेंगे
आधार लिंक्ड रजिस्ट्री बनाने के लिए कैंप लगाएं जाएंगे। बताया जा रहा है कि फार्मर्स रजिस्ट्री प्रोजेक्ट में ऑनलाइन काम होगा। जिसमें तहसीलों में 5 फरवरी से 31 मार्च तक काम जारी रहेगा। यहाँ किसानों का सही और अपडेटेड डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री) बनाया जाएगा। यह काम तीन फेज में होगा। जिसमें पहले ग्राम पंचायत मुख्यालय पर केम्प लगेंगे, फिर फरवरी महीने के दूसरे सप्ताह में 10 फरवरी से 14 फरवरी के बीच तहसीलों में दो-दो ग्राम पंचायत मुख्यालय में शिविर लगेंगे, इसके बाद तहसीलों की ग्राम पंचायत मुख्यालय पर 17 फरवरी से 31 मार्च तक शिविरों का आयोजन करेंगे तो जिनका नहीं हुआ रहेगा वह करवा सकते है।
किसानों का डिजिटल पहचान पत्र बन जाएगा जिससे किसानों को बड़े आसानी से लाभ मिलेगा। इसमें किसानों से जुडी पूरी जानकारी होगी।